भारत को विश्व में देश की महान संस्कृति से मिले पहचान: सुधा मूर्ति

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 06 दिसंबर (लाइव 7) राज्य सभा सांसद पद्म श्री एवं पद्म भूषण सुधा मूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि भारत को दुनिया में सिर्फ बॉलीवुड और सॉफ्टवेयर के लिये न जाना जाये, बल्कि इसकी महान संस्कृति के लिये पूरे विश्व में पहचान मिले यह भी बहुत जरूरी है। श्रीमती मूर्ति यहां “बोधगया के विहार” पुस्तक के विमोचन समारोह को संबोधित कर रही थीं।
लेखिका एवं फोटोग्राफर डॉ कायनात क़ाज़ी की इस कॉफी टेबल बुक के माध्यम से बोधगया के विहारों का सुंदर प्रस्तुतीकरण किया गया है। इसमें बोधगया स्थित 41 बौद्ध विहारों का दस्तावेज़ीकरण किया गया है और इस कार्य में लेखिका को मूर्ति ट्रस्ट से सहयोग मिला है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज में बोगनवेलिया आर्ट फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि भारत का युवा अगर अपने देश के अतीत और इतिहास को नहीं जानेगा तो वह भविष्य को नहीं जान पायेगा। भारतीय इतिहास का दस्तावेजीकरण सही तरीके से नहीं किया गया इसलिए बहुत सारे महत्वपूर्ण तथ्य आज हमारे सामने नहीं है जबकि हम अपने इतिहास से बहुत कुछ सीखते हैं।
उन्होंने कहा कि बुद्ध एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने शांति की स्थापना की।
प्रसिद्ध पुरातत्वशात्री एवं इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि पद्म श्री के के मोहम्मद ने कहा कि यह पुस्तक इसकी बेहतरीन कला का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बोध गया के विहार काफी टेबल पुस्तक एक संग्रहणीय ग्रंथ है।
डॉ कायनात क़ाज़ी ने कहा कि इस कॉफी टेबल बुक में बोधगया स्थित 41 बौद्धविहारों का दस्तावेज़ीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि बोधगया की बिहार दक्षिण एशियाई देशों की विविध संस्कृति के वाहक है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वनथी श्रीनिवासन ने और अतिथियों का स्वागत महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रमा ने किया। पुस्तक के संपादक एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के शिक्षक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
 .श्रवण
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