सिविल सर्जन के नेतृत्व में “स्वस्थ सिमडेगा” की ओर बढ़ते कदम

Ravikant Mishra

रात्रि चौपाल और चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों से स्वास्थ्य जागरूकता को दी नई दिशा

रविकांत मिश्रा की रिपोर्ट

सिमडेगा : “सर्वमन्यत् परित्यज्य शरीरमनुपालयेत्” की उक्ति को चरितार्थ करने के तथा स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती और जनसाधारण में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने के लिए सिमडेगा जिला प्रशासन ने सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान के नेतृत्व में एक समर्पित मुहिम शुरू की है। इस मुहिम के अंतर्गत न केवल स्वास्थ्य संस्थाओं की स्थिति में सुधार किया जा रहा है, बल्कि आम जनता तक सही जानकारी पहुंचाने के लिए जन संवाद और भागीदारी पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

डॉ रामदेव पासवान, सिविल सर्जन, सिमडेगा

स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार

जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और उप-स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों की स्थिति में तेजी से सुधार किया गया है। चिकित्सा पदाधिकारियों और नर्सों की नियमित तैनाती सुनिश्चित की गई है। दवाओं की उपलब्धता, जांच उपकरणों और एम्बुलेंस सेवाओं की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया है। विशेष रूप से मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष जोर दिया गया है।

रात्रि चौपाल: गांवों में संवाद का माध्यम

स्वास्थ्य विभाग द्वारा “रात्रि चौपाल” कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसमें लक्ष्य केंद्रित कर दुरूह क्षेत्रों में किसी एक पंचायत में सिविल सर्जन ख़ुद से स्थानीय लोगों से संवाद स्थापित करते हैं। इन चौपालों में लोगों को स्वच्छता, नियमित टीकाकरण, पोषण, परिवार नियोजन और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के संबंध में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही स्थानीय समस्याएं भी सुनी जाती हैं और समाधान की दिशा में त्वरित कार्रवाई की जाती है।

चाय पर चर्चा: स्वास्थ्य संवाद की सरल विधा

“चाय पर स्वास्थ की चर्चा” कार्यक्रम एक नई और नवीन पहल है, जिसके माध्यम से सिविल सर्जन सिमडेगा डॉ रामदेव पासवान के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग गांवों के चौक-चौराहों या सामुदायिक स्थलों पर आम जनता के साथ चाय पर बैठकर अनौपचारिक बातचीत करते हैं । इस चर्चा में पुरुष, महिलाएं, युवा और बुजुर्ग – सभी अपनी स्वास्थ्य संबंधी जिज्ञासाओं को खुलकर रखते हैं। चिकित्सक, स्वास्थ्य अधिकारी और आशा कार्यकर्ता उन्हें सरल भाषा में समाधान उपलब्ध कराते हैं।इस मौके पर स्नैक बाइट, डॉग बाइट, बीमार होने पर अस्पताल पहुंचे, अंधविश्वास से मुक्ति पाने सहित अन्य विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।यह कार्यक्रम स्वास्थ्य के प्रति झिझक और भ्रांतियों को दूर करने में कारगर सिद्ध हो रहा है।

पोषण और मातृ स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए “राष्ट्रीय पोषण मिशन” के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्रिय किया गया है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, और जरूरी पोषण सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। समय-समय पर वजन जांच, स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श शिविर भी लगाए जा रहे हैं।मातृ मृत्यु दर को कम करने हेतु संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसमें जननी सुरक्षा योजना और ममता वाहन जैसी योजनाओं का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया जा रहा है।

मोबाइल मेडिकल यूनिट और डिजिटल सेवाएं

सिविल सर्जन की पहल पर दूरस्थ इलाकों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट, 108 एंबुलेंस तत्पर है ये मोबाइल वैन नियमित रूप से निर्धारित गांवों में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण, दवा वितरण और परामर्श सेवाएं प्रदान करती हैं। तो वहीं 108 की तत्परता पूर्वक कार्य से गंभीर से गंभीर मरीजों को स्वास्थ केंद्र लाने में संजीवनी सिद्ध हो रही है।वहीं तत्काल आवश्यकता पर आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मरीजों को विशेषज्ञों की तक पहुंच सुलभ कराया जा रहा है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बीच की स्वास्थ्य सेवा की दूरी कम हो रही है। सिमडेगा सीएस डॉक्टर रामदेव पासवान के पहल पर ऑपरेशन की सुविधा शुरू हो गई। जहां पर चिकित्सकों की टीम के द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया जा रहा है। पहले दिन ही एक गंभीर गर्भवती महिला ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया । वही इस मौके पर सीएस डॉक्टर रामदेव पासवान ने बताया कि करीब चार सालों से सिमडेगा में सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं होने की वजह से सिजेरियन ऑपरेशन की सुविधा शुरू नहीं हो पाई थी। जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। चिकित्सा सुविधा अभाव के कमी में राजधानी रांची रेफर किया जाता था। लेकिन अब लोगों की समस्याओं को देखते हुए सदर अस्पताल में यह सेवा शुरू की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके शुरू हो जाने से आने वाले दिनों में सिमडेगा जैसे सुदूरवर्ती आदिवासी बहुल जिला में लोगों को ऑपरेशन के लिए भाग दौड़ करने की आवश्यकता नहीं होगी। मौके पर महिला चिकित्सकों ने बताया कि महिलाओं को गर्भवती होने की स्थिति में सिजेरियन ऑपरेशन हेतु उन्हें बाहर भेजा जाता था जिससे कि उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन अब सदर अस्पताल में इस प्रकार की सुविधा हो जाने से गर्भवती महिलाओं के लिए यह सेवा वरदान साबित होगी जिसके लिए सिमडेगा जिले की पूरी स्वास्थ टीम अपनी सहभागिता दे रही है।

जनसहभागिता और प्रशिक्षण

स्वास्थ्य जागरूकता अभियान में आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इन्हें नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर सकें। इसके अलावा विद्यालयों और कॉलेजों में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम, हेल्थ क्विज और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से युवाओं को जोड़ा जा रहा है।

सिविल सर्जन की सिमडेगा की सन्मार्ग समूह के माध्यम से अपील

सिविल सर्जन डॉ. रामदेव पासवान ने सन्मार्ग से खास बातचीत में कहा कि:

“हमारा प्रयास है कि सिमडेगा का हर नागरिक स्वस्थ हो, जागरूक हो, और खुद तथा अपने परिवार की सेहत के लिए सजग रहे। रात्रि चौपाल और चाय पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों के जरिए हम गांव-गांव जाकर लोगों को सुन भी रहे हैं और समझा भी रहे हैं। स्वस्थ सिमडेगा का सपना तभी साकार होगा जब हम सब मिलकर प्रयास करें, लंबे समय से बंद ऑपरेशन की सुविधा अब सदर अस्पताल में शुरू है, जिसका लाभ जिलेवासियों को प्राप्त हो रहा है, अगला कदम कार्डियक सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों के समुचित इलाज के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा, जल्द ही स्वास्थ से संबंधित जुड़ी किसी भी परेशानियों को लेकर लोगों को बाहर जाने से निजात मिलेगा।”

इस बातचीत से स्पष्ट है कि सिविल सर्जन डॉ रामदेव पासवान के नेतृत्व में सिमडेगा जिले में स्वास्थ्य सेवा और जन-जागरूकता की दिशा में जो कदम उठाए जा रहे हैं, वह एक अनुकरणीय उदाहरण बनता जा रहा है। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और जनता के बीच इस समन्वय ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक सकारात्मक वातावरण तैयार किया है,जिसके लिए इनके पास स्वास्थ सुविधाओं को लेकर एक मजबूत टीम तैयार हो चुकी है। आने वाले दिनों में यह अभियान “स्वस्थ सिमडेगा” की अवधारणा को पूरी तरह साकार करने की ओर अग्रसर है।

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*शीलं परमं भूषणम्*
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