कोलेबिरा की ‘दीदी’ बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल
कोलेबिरा संवाददाता
कोलेबिरा :लचरागढ़ की मालती देवी, जो कभी एक साधारण गृहिणी थीं, आज अपने इलाके की जानी-मानी महिला उद्यमी बन चुकी हैं। वर्ष 2017 में जब उन्होंने स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सामूहिक बैठकों में भाग लेना शुरू किया, तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वे एक दिन तीन-तीन व्यवसायों की मालकिन बनेंगी।मालती देवी के पति ऑटो चलाते हैं और गाय पालन का कार्य करते हैं। लेकिन मालती ने अपने भीतर के नेतृत्व कौशल को पहचानते हुए ग्राम संगठन की सचिव बनीं और फिर स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम के तहत उन्हें 50 हजार रुपये की सहायता मिली। इसके साथ बैंक से ढाई लाख रुपये और अपनी एक लाख की बचत से उन्होंने 2018 में आइसक्रीम पार्लर की शुरुआत की। इलाके में एकमात्र आइसक्रीम पार्लर होने के चलते कारोबार खूब चला।इसके बाद उनका चयन जेएसएलपीएस के अंतर्गत सीआरपी-ईपी के रूप में हुआ, जहाँ उन्होंने उद्यमिता से जुड़े प्रशिक्षण प्राप्त किए। उन्होंने न केवल खुद के व्यवसाय को विस्तार दिया, बल्कि क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।2022 सभी ऋण चुकाने के बाद उन्होंने एक लाख की सहायता और अपनी एक लाख की पूंजी से आरओ मिनरल वाटर प्लांट लगाया, जिससे कोलेबिरा क्षेत्र में शुद्ध पानी की आपूर्ति शुरू की।वही 2023 में समूह से दो लाख रुपये और डेढ़ लाख अपनी पूंजी मिलाकर कुल साढ़े तीन लाख से उन्होंने आइसक्रीम फैक्ट्री की स्थापना की। चूंकि पहले से उनका पार्लर था, इसलिए उत्पाद का बाजार पहले से ही तैयार था।वर्तमान में मालती देवी तीन व्यवसाय आइसक्रीम पार्लर, मिनरल वाटर प्लांट और आइसक्रीम फैक्ट्री की संचालिका हैं। उनका वार्षिक टर्नओवर करीब 7-8 लाख रुपये है और शुद्ध बचत करीब साढ़े तीन लाख रुपये की।मालती देवी का कहना है।समूह से जुड़ाव और जेएसएलपीएस का मार्गदर्शन मेरे जीवन में बदलाव लेकर आया। अब मैं न केवल आत्मनिर्भर हूं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही हूं।उनकी यह कहानी न सिर्फ कोलेबिरा, बल्कि पूरे राज्य की महिलाओं को प्रेरणा देती है कि हौसले और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी महिला अपने सपनों को साकार कर सकती है।