मुंबई, 21 दिसंबर (लाइव 7) बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान की सुपरहिट फिल्म तारे जमीन पर के प्रदर्शन के 17 साल पूरे हो गये हैं।
आमिर खान अभिनीत, निर्मित और निर्देशित फिल्म तारे जमीन पर 21 दिसंबर 2017 को प्रदर्शित हुयी थी। तारे ज़मीन पर के प्रदर्शन के 17 साल पूरे हो गये हैं। दर्शील सफारी, आमिर खान की शानदार परफॉर्मेंस ने तारे ज़मीन पर की कहानी में जान डाल दी।
तारे ज़मीन पर आमिर खान के निर्देशन में बनी पहली फिल्म थी, जहां उन्होंने एक ताकतवर और इमोशनल कहानी को पर्दे पर उतारा। उनके विजनरी डायरेक्शन ने डिस्लेक्सिक बच्चे की मुश्किलों को बेहतरीन तरीके से दिखाया, जो दुनियाभर के दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ गई।तारे ज़मीन पर ने एक दिल को छूने वाली और मजबूत कहानी दी, जो शिक्षा प्रणाली पर पुराने विचारों को चुनौती देती है। इसने एक डिस्लेक्सिक बच्चे की मुश्किलों को दिखाया, जिससे लोगों में सहानुभूति और समझ बढ़ी।फिल्म ने हर पीढ़ी को एक जरूरी पाठ दिया है, जिसमें यह दिखाया गया कि हमें हर बच्चे के सीखने के तरीके को समझना चाहिए और उनके खास टैलेंट्स को बढ़ावा देना चाहिए।
तारे ज़मीन पर में दिल को छू लेने वाले गाने थे, जो आज भी दर्शकों से जुड़े हुए हैं। फिल्म का गाना “मां” दिल को छूता है, जो गहरी भावनाओं को जगाता है, जबकि “बम बम बोले” एक मस्ती भरी और जीवंत ऊर्जा देता है। हर गाना, जो खूबसूरती से गाया और कम्पोज किया गया है, फिल्म की मजबूत कहानी के साथ बिल्कुल मेल खाता है, और इसके इमोशनल और सिनेमाई प्रभाव को बढ़ाता है।तारे ज़मीन पर में शानदार परफॉर्मेंस देखने को मिली, जहां दर्शील सफारी ने इशान, एक डिस्लेक्सिक बच्चे के रूप में बेहतरीन परफॉर्मेंस दी।
वहीं, आमिर खान ने शंकर निकुंभ, एक समर्पित डिस्लेक्सिक थैरेपिस्ट, का किरदार बहुत प्रभावी तरीके से निभाया। अपने रोल की तैयारी के लिए आमिर ने स्पेशल एजुकेटर्स और थैरेपिस्ट्स के साथ समय बिताया, ताकि उनकी परफॉर्मेंस असली और असरदार हो, और कहानी को जीवंत बनाया जा सके।तारे ज़मीन पर ने खुद को समझने और अलग-अलग तरीके से सीखने का एक प्रेरणादायक संदेश दिया। इसने खास टैलेंट्स को बढ़ावा देने, समझदारी दिखाने और खुद को व्यक्त करने की अहमियत सिखाई, जिससे हर बच्चे की क्षमता की अहमियत को बताया गया।
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