स्कूल भर्ती घोटाला से जुड़े धन शोधन मामले में पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 04 दिसंबर (लाइव 7) उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में स्कूल भर्ती घोटाला से जुड़े धन शोधन मामले में राज्य के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने चटर्जी के इस दावे को दृढ़ता से खारिज कर दिया कि उन्हें अन्य पूर्व मंत्रियों के साथ समानता का दर्जा दिया गया है, जिन्हें इसी तरह के मामलों में जमानत दी गयी है।
पीठ ने कहा , “आप मंत्री थे, अन्य लोग आपकी वजह से आरोपी हैं।” पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि चटर्जी की रिहाई निष्पक्ष जांच या सुनवाई में बाधा नहीं बननी चाहिए।
शीर्ष न्यायालय ने सवाल किया कि क्या विचाराधीन कैदी के तौर पर चटर्जी को लगातार जेल में रखना उचित है।
शीर्ष न्यायालय ने जांच की ईमानदारी के साथ आरोपी के अधिकारों को संतुलित करने की जरुरत पर यह कहते हुए जोर दिया कि “कैद हमेशा के लिए नहीं हो सकती।”
पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या चटर्जी के न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान उनसे आगे पूछताछ की जा सकती है।
चटर्जी की पैरवी करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि केंद्रीय एजेंसियां ​​उन्हें हिरासत में रखने के लिए अनावश्यक रूप से कई मामलों में फंसा रही हैं, जबकि अन्य आरोपी व्यक्तियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। न्यायालय ने हालांकि इस बात का विरोध किया कि एक वरिष्ठ मंत्री के रूप में चटर्जी की जवाबदेही अधिक है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने भ्रष्टाचार के पैमाने और योग्य उम्मीदवारों पर इसके प्रभाव की ओर इशारा करते हुए जमानत का विरोध किया।
गौरतलब है कि जुलाई 2022 में ईडी ने चटर्जी को उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी से जुड़ी संपत्तियों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया था, जहां से बड़ी मात्रा में धनराशि ब द की गयी थी। कथित भर्ती अनियमितताएं पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान हुईं।
अशोक
लाइव 7

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