नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (लाइव 7) उच्चतम न्यायालय ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरणों (एमएसीटी) और श्रम न्यायालयों को मंगलवार को निर्देश दिया कि वे मुआवजे की राशि सीधे दावेदारों के बैंक खातों में जमा करें।
न्यायमूर्ति एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुयान की पीठ ने स्वत: संज्ञान मामले में ऐतिहासिक आदेश पारित किया और कहा कि बड़ी मात्रा में मुआवज़ा बिना दावे के पड़ा होना परेशान करने वाला है। पीठ ने कहा, “इस स्वत: संज्ञान मामले में जो मुद्दा उठ रहा है, वह बहुत चिंताजनक है। यह राशि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और श्रमिक मुआवज़ा अधिनियम, 1923 के तहत दायर दावों में दावेदारों को दिए गए मुआवज़े को दर्शाती है। दावेदार हालांकि, इन राशियों के हकदार हैं, लेकिन उन्होंने इसे वापस नहीं लिया है।”
एमएसीटी और श्रम न्यायालयों को मुआवजे की राशि सीधे दावेदारों के बैंक खातों में जमा करने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
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