कुल 3 वर्षों में 63% से अधिक—एक मात्र योजना ‘बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ’ पर लगाए गए
LIVE 7 TV / RANCHI
बैंक ऑफ इंडिया की ताज़ा CSR रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि संस्था ने सामाजिक दायित्व के तहत सबसे अधिक प्राथमिकता बालिका शिक्षा और सशक्तिकरण को दी है। पिछले तीन वर्षों में बैंक ने CSR के जरिए कुल 85.90 लाख रुपये खर्च किए, जिसमें से 63.69 लाख रुपये—यानी 63% से अधिक—एक मात्र योजना ‘बेटी बचाओ–बेटी पढ़ाओ’ पर लगाए गए।
बैंक की CSR रणनीति: पांच जिलों पर मुख्य फोकस
रिपोर्ट के अनुसार, यह राशि राज्य के पाँच प्रमुख जिलों में खर्च की गई—
- रांची: 10.85 लाख
- जमशेदपुर: 12.18 लाख
- हजारीबाग: 13.32 लाख
- धनबाद: 7.38 लाख
- बोकारो: 9.96 लाख
इन जिलों में जागरूकता कार्यक्रम, छात्राओं के लिए संसाधन उपलब्ध कराना और शिक्षा को बढ़ावा देने वाली विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की गईं।
CSR बजट का शेष 36% अन्य परियोजनाओं पर
CSR फंड का शेष हिस्सा बैंक ने सामुदायिक सुविधाओं में सुधार और संस्थागत विकास पर लगाया। इन परियोजनाओं में शामिल हैं
- स्पोर्ट्स ऑथोरिटी के लिए सोफा (1.05 लाख रुपये)
- लोहरदगा में हाई-मास्ट लैंप (9.97 लाख रुपये)
- देवघर DAV Public School में वाटर कूलर और प्यूरीफायर (2.06 लाख रुपये)
- विनोबा भावे विश्वविद्यालय के जिम में सिंथेटिक मैट (1.19 लाख रुपये)
- DRDA चतरा में वाटर कूलर व प्यूरीफायर (71 हजार रुपये)
- धनबाद पुलिस लाइन में 200 सीलिंग फैन (2.70 लाख रुपये)
वार्षिक जिलावार खर्च (लाख में)
| जिला | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
|---|---|---|---|
| रांची | 3.09 | 3.88 | 3.88 |
| बोकारो | 3.30 | 3.24 | 3.42 |
| धनबाद | 2.46 | 2.46 | 2.46 |
| हजारीबाग | 4.44 | 4.44 | 4.44 |
| जमशेदपुर | 4.02 | 4.08 | 4.08 |
रिपोर्ट यह दर्शाती है कि बैंक ऑफ इंडिया ने CSR के तहत महिला और बालिका सशक्तिकरण को अपने प्रयासों का केंद्रीय बिंदु बनाया है। साथ ही, सामुदायिक विकास की कई छोटी-बड़ी परियोजनाओं में भी बैंक ने अपनी भूमिका निभाई है, जिससे राज्य के विभिन्न जिलों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने में मदद मिली है।

