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रांची स्थित रिम्स में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के उद्देश्य से व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव की तैयारी की जा रही है। चिकित्सा निदेशक मंडल ने कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर सहमति जताई है, जिनके आधार पर आने वाले महीनों में अस्पताल की सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि अगले दो महीनों के भीतर पांच आधुनिक, एसी मोक्ष वाहन खरीदे जाएंगे। इन वाहनों की मदद से मृत मरीजों के शव मुफ्त में उनके घर तक पहुंचाए जा सकेंगे।इसके साथ ही, रिम्स में पिछले दस साल से अधिक समय से कार्यरत कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को देखते हुए उन्नत जांच सुविधाओं को विस्तार देने की योजना बनाई गई है। इसके लिए डायग्नोस्टिक जांच, पेट-सीटी और थैलियम स्कैन उपकरणों के संचालन की टेंडर प्रक्रिया अगले छह महीनों के भीतर पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।
गरीब रोगियों और बीमा धारकों को राहत देने के उद्देश्य से प्रशासन ने नीतिगत निर्णय लिया है कि दवाएं, इम्प्लांट्स और विभिन्न जांचें निर्धारित सीमा तक पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। बाहरी दवाएं लिखने पर रोक भी सख्ती से लागू की जाएगी।साथ ही, आयुष्मान भारत के अंतर्गत मिलने वाली राशि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा और प्रत्येक माह इसकी दावा रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार के लिए नर्सिंग, पैरामेडिकल और क्लर्कीय पदों के नियम संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं होतीं, तब तक आउटसोर्सिंग के माध्यम से अतिरिक्त जनशक्ति उपलब्ध कराई जाएगी।
डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली और सीसीटीवी निगरानी को और मजबूत किया जाएगा। निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों की सूची भी तैयार की जाएगी ताकि व्यवस्था पारदर्शी बनी रहे।
रिम्स को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य संस्थानों की श्रेणी में लाने के लिए देश के प्रमुख विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति बनाई जाएगी। इसमें पूर्व निदेशक डॉ. कमेश्वर प्रसाद को महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।

