योग स्वस्थ जीवन जीने का एक तरीका है: डॉ वीरेन्द्र कुमार

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 21 जून (लाइव 7) केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेन्द्र कुमार ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर शनिवार को कहा कि योग शारीरिक अभ्यासों का केवल एक पैकेज नहीं बल्कि स्वस्थ जीवन जीने का एक तरीका है।

डॉ कुमार ने राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीआईडी), सिकन्दराबाद की ओर से तेलंगाना के कान्हा शांति वन में आयोजित मेगा योग कार्यक्रम में भाग लेने के बाद कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना अपनाते हुये योग को मानव कल्याण और वैश्विक सद्भाव के साधन के रूप में अपनया जाना चाहिये। इस योग अभ्यास कार्यक्रम में देश भर से 21 प्रकार की विकलांगताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 3400 से अधिक दिव्यांगजनों ने एक साथ योग किया। इस अनूठी सभा ने एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया। कार्यक्रम में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

मंत्रालय के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को), कानपुर के मुख्यालय में भी एक भव्य योग सत्र का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा भी शामिल हुए, जिन्होंने योग को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए एक शक्तिशाली उपक्रम बताया। सत्र में 1,000 से अधिक कर्मचारियों, प्रशिक्षुओं और योग उत्साही लोगों ने भाग लिया।

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री डॉ.  दास अठावले ने केरल के मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल में वैद्यरत्नम पीएस वरियर आयुर्वेद कॉलेज में योग दिवस समारोह में भाग लिया और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने में योग की भूमिका पर जोर दिया।

नयी दिल्ली में मंत्रालय के मुख्यालय में भी योग सत्र आयोजित किये गये। इस अवसर पर दोनों विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने योग प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन में विभिन्न योग आसनों का अभ्यास किया और दैनिक जीवन में योग के महत्व को अपनाया।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (डीओएसजेई) के तहत विभिन्न संगठनों जैसे राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान (एनआईएसडी) में भी व्यापक योग सत्र आयोजित किये गये। राष्ट्रीय निगम – एनएसएफडीसी, एनबीसीएफडीसी और एनएसकेएफडीसी, डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक (डीएएनएम), बाबू जगजीवन   राष्ट्रीय फाउंडेशन, डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र (डीएसीई), गरिमा गृह, भारत भर में विभिन्न स्थानों पर अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीएससी) और सफाई कर्मचारियों के लिए (एनसीएसके) भी योग सत्र आयोजित किये गये।

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के तहत विभिन्न राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) ने इस अवसर पर पूरे भारत में बड़े पैमाने पर योग सत्र आयोजित किये, जिसने न केवल समावेशी और सुलभ योग के दृष्टिकोण को मजबूत किया, बल्कि यह भी एक मजबूत संदेश दिया कि दिव्यांगजन सामाजिक भागीदारी और सशक्तिकरण के केंद्र में हैं।

श्रवण, मधुकांत

लाइव 7

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