‘दम लगाके हईशा’ की रिलीज से पहले कई रातों तक सो नहीं पाया था :आयुष्मान खुराना

Live 7 Desk

मुंबई, 27 फरवरी (लाइव 7) बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना का कहना है कि दम लगाके हईशा’ की रिलीज से पहले वह कई रातों तक सो नहीं पाये थे।

आज से ठीक दस साल पहले, ‘दम लगाके हईशा’ ने अपनी सादगी भरी कहानी, नॉस्टैल्जिक माहौल और अनोखी लेकिन दिल को छू लेने वाली   कहानी के साथ दर्शकों का दिल जीत लिया था। इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा में एक नया ट्रेंड सेट किया और साथ ही आयुष्मान खुराना की बतौर अभिनेता पहचान भी मजबूत की।

शरत कटारिया निर्देशित और यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म को सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला। ‘विकी डोनर’ के साथ शानदार डेब्यू करने के बावजूद, आयुष्मान को इंडस्ट्री में कई गलत फैसलों की वजह से असफलताओं का सामना करना पड़ा। ऐसे में ‘दम लगाके हईशा’ उनके करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण फिल्म बन गई थी।

आयुष्मान ने कहा,इस फिल्म की रिलीज़ से पहले मैं कई रातों तक सो नहीं पाया था। ‘विकी डोनर’ की जबरदस्त सफलता के बाद अचानक मुझे स्टार बना दिया गया, लेकिन मुझे समझ ही नहीं आया कि इस सफलता को कैसे आगे बढ़ाना है। मैं इंडस्ट्री में नया था, मेरे पास कोई गाइडेंस नहीं थी, और मैंने कई गलत फैसले लिए।

आयुष्मान ने कहा , “‘दम लगाके हईशा’ से पहले मेरे लगातार तीन फ्लॉप फिल्में आई थीं। इंडस्ट्री में कहते हैं कि हर शुक्रवार हम फिर से जन्म लेते हैं और हमारा करियर भी उसी दिन तय होता है। मैं बस यही चाहता था कि यह शुक्रवार मेरा हो! रिलीज़ से पहले मैं पूरी तरह घबराया हुआ था, लेकिन फिल्म हिट हुई और इसने मुझे इंडस्ट्री में एक नई पहचान दी।”

आयुष्मान ने अपनी टीम का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मुझे इस फिल्म से दोबारा जीवन मिला। इस सफर के लिए मैं शरत कटारिया, मनीष शर्मा, आदित्य चोपड़ा सर और मेरी को-स्टार भूमि पेडनेकर का दिल से धन्यवाद करता हूँ।”

फिल्म की 10वीं वर्षगांठ पर, आयुष्मान ने सोशल मीडिया पर अपनी 10 साल पहले की खुद की भावनाओं को साझा किया और लिखा: “धीरे चलो, पागल बच्चे। तुम ठीक हो जाओगे। ज़िंदगी के उतार-चढ़ाव देखोगे, मुश्किलों से गुज़रोगे और उससे और भी मज़बूत बनोगे। तुम्हारी बड़ी प्लानिंग को लेकर कोई हड़बड़ी मत करो। कोई जल्दी नहीं है। सिर्फ हिट फिल्म देना ही मकसद नहीं है, इससे कहीं बड़ा एक सपना है। अपने अंदर के हसलर को थोड़ा शांत करो और उस सच्चे आर्टिस्ट को उभरने दो, जिसे बनने की तुमने हमेशा ख्वाहिश रखी है। ऊपर देखो, इस जिंदगी के लिए, इस मौके के लिए और अपने एक्टर बनने के सपने को जीने के लिए शुक्रगुज़ार रहो। घबराओ मत, सब ठीक हो जाएगा। ‘दम लगाके हईशा’, यह छोटी सी लेकिन दिल से बड़ी फिल्म लाखों लोगों के दिलों को छू जाएगी और उन्हें फिर से प्यार करने का अहसास दिलाएगी। अपने जड़ों से जुड़े रहो और अपने दिल की सुनो। तुम भगवान के सबसे प्रिय बच्चे हो। धीरे चलो, पागल बच्चे! ”

आयुष्मान ने कहा,‘दम लगाके हईशा’ आज भी मेरे दिल के सबसे करीब है। इसने मुझे यह विश्वास दिलाया कि एक अच्छी और अलग कहानी हमेशा अपना दर्शक ढूंढ ही लेती है। यही सोच मैं आज भी अपने हर फिल्म चुनाव में अपनाता हूँ। और आगे भी, मैं हमेशा कुछ नया और अनोखा करता रहूँगा, क्योंकि यही मेरी पहचान है!”

 

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