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नई दिल्ली,आज संसद भवन पर हुए आतंकी हमले की 24वीं बरसी है। देश उन वीर सुरक्षाकर्मियों को याद कर रहा है, जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम किया और लोकतंत्र के मंदिर की रक्षा की। इस अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी सहित कई प्रमुख हस्तियों ने संसद परिसर में शहीदों को नमन किया। नेताओं ने सुरक्षाबलों के अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा और बलिदान को याद करते हुए कहा कि देश हमेशा उनके त्याग का ऋणी रहेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2001 में संसद पर हुए कायराना हमले के दौरान सुरक्षाबलों ने असाधारण वीरता का परिचय देते हुए आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जवानों का यह बलिदान आतंकवाद के खिलाफ भारत के अटूट संकल्प का प्रतीक है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शहीद सुरक्षाकर्मियों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने लोकतंत्र की आत्मा की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी संसद हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और उनसे देशप्रेम की प्रेरणा लेता रहेगा।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद पर हुआ हमला लोकतंत्र पर सीधा हमला था, जिसे सुरक्षाबलों ने अपनी जान की बाजी लगाकर विफल किया। उन्होंने कहा कि हर वर्ष संसद परिसर में शहीदों को श्रद्धांजलि देना देश का कर्तव्य है।
वहीं, कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने इस दिन को संसदीय इतिहास का दुखद अध्याय बताते हुए कहा कि संसद और लोकतंत्र की रक्षा करते हुए शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों का बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा।
संसद हमले की बरसी पर पूरा देश एकजुट होकर उन वीर सपूतों को नमन कर रहा है, जिनकी शहादत ने भारतीय लोकतंत्र को सुरक्षित रखा।

