24 वर्ष का युवा सिमडेगा, झारखंड में लिख रहा अनुपम इतिहास

Ravikant Mishra

विकास के बढ़ते कदम पर अग्रसर सिमडेगा

रविकान्त मिश्रा✍️

झारखंड प्रांत के दक्षिण पश्चिमी हिस्से में स्थित सिमडेगा जिला दोनों पहाड़ों तथा पहाड़ी नदियों से आच्छादित है। जो उत्तर में गुमला पूर्व में रांची एवं पश्चिम सिंहभूम दक्षिण में उड़ीसा एवं पश्चिम में छत्तीसगढ़ से घिरा हुआ है। प्रकृति की गोद में बसा मनोरम छटा बिखेरते हुए सिमडेगा जिला समुद्र तल से 220 फीट ऊंचाई पर स्थित है जहां का प्राकृतिक नजारा अनुपम एवं अद्वितीय है। सिमडेगा जिला की स्थापना 30 अप्रैल 2001 को विधिवत रूप से गुमला जिले से अलग कर की गई थी। वर्ष 1915 ईस्वी में अनुमंडल बने सिमडेगा को 86 वर्षों के बाद जिला का दर्जा प्राप्त हुआ। सिमडेगा जिले में वर्तमान एक लोकसभा तीन विधानसभा एक अनुमंडल 10 प्रखंड एक नगर परिषद तथा 94 पंचायत हैं। इस जिले का कुल क्षेत्रफल 3768.13 वर्ग किलोमीटर है। यहां की 71% आबादी अनुसूचित जनजातियों 8% अनुसूचित जाति एवं 21% अन्य जातियों की है।

जिले की कुल साक्षरता दर 67.59% है जिसमें पुरुषों की साक्षरता दर 75.84% एवं महिलाओं की साक्षरता दर 59.38% है।जिले की कुल जनसंख्या लगभग 3 लाख है। जिले का 32% क्षेत्र वनों से आच्छादित है। जिसमें साल (सखुआ) लाह, केंदूपत्ता, महुआ, करंज चिरौंजी, गम्हार, कटहल, इमली ,जामुन, आम, बांस आदि प्रमुख हैं जो कि जीविकोपार्जन में भी मुख्य भूमिका निभाते हैं। कहते हैं कि सिमडेगा जिला का प्राचीन इतिहास महाभारत में भी वर्णित है।

महाभारत में केतु वंश का वर्णन मिलता है। केतुग्राम अपभ्रंश होते-होते केतुंगा या केतुंगाधाम के रूप में विख्यात हुआ। केतुवंशी राजा शैव थे । समस्त क्षेत्रों में इन्होंने शिव मंदिर की स्थापना की जिसमें केतुंगा, करंगागुड़ी, छुरिया धाम एवं रामरेखा प्रमुख हैं। जो आज भी धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। सम्राट अशोक ने कलिंग उड़ीसा आक्रमण का रास्ता केतुंगाधाम से होकर ही चुना था। सम्राट अशोक के बौद्ध बनने के बाद के केतुंगा में शांति का प्रचार करने के लिए बौद्ध स्तूप बनवाया था जिसका भग्नावशेष आज भी केतुंगा में देखा जा सकता है। केतुु वंश के बात सिमडेेगा जिले का केंद्र बिंदु बिरूगढ़ हुआ। प्राचीन काल में सिमडेगा को वीरू कैसल पुर परगना के रूप में जाना जाता था।

जो ब्रिटिश काल के दौरान गजपति राय परिवार के राजा गंगा वामसी ने शासित किया। आज भी गजपति परिवार के लोग वीरू में रहते हैं ।

1441 ईस्वी में मुंडा एवं खड़िया जनजातियों का इस क्षेत्र में आगमन हुआ। अंग्रेजों के समय में यह क्षेत्र मिशनरी लोगों के लिए बहुत लोकप्रिय रहा और वहां से राजाओं द्वारा दान की गई जमीन पर स्कूल अस्पताल और पारिश की स्थापना की। इस क्षेत्र में कई मिशनरी स्कूलों ने शिक्षा फैलाने में मदद की। वैसे तो प्राकृतिक दृष्टिकोण से पर्यटन क्षेत्र के विविध स्थान जिले में विद्यमान है जिसमें प्रमुख दर्शनी स्थल के केतुंगाधाम , रामरेखा धाम जहां वनवास के दौरान राम लक्ष्मण और सीता माता ठहरे थे उनका निशान आज भी मौजूद है। केला घाघ डैम, अंजान शाह पीर बाबा का मजार, वन दुर्गा मंदिर दान कर दी जलप्रपात भैरव बाबा पहाड़ है।

सिमडेगा जिले प्राकृतिक रूप से ही नहीं बल्कि हॉकी की नर्सरी के रूप में भी जाना जाता है जिले की पहचान हॉकी में मील का पत्थर साबित कर पूरे विश्व में सिमडेगा का नाम रोशन किया । जिसमें राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता माइकल किंडो, असुंता लाकड़ा एडिना क्रिकेटर पुष्पा टोप्पो अश्रिता सुरीन, ब्यूटी सुषमा आदि खिलाड़ी प्रमुख है।

वही सिमडेगा जिला शिक्षा स्वास्थ्य नर्सिंग के क्षेत्र में भी जिले के बानो प्रखंड में अवस्थित मदर टेरेसा कॉलेज ऑफ नर्सिंग की कई स्टेट टॉपर छात्रा देकर पूरे राज्य में जिले का नाम रोशन किया है। इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में इस तरह के संस्थान का होना यहां के बच्चियों के भविष्य के प्रति अलख ज्योति जला रहा है।

जिले के वैज्ञानिक सिद्धार्थ ने जेनेवा में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया वहीं तत्कालीन उपायुक्त जटाशंकर चौधरी के नेतृत्व में रानी मिस्त्री_ बोरा बांध एवं जिले के तत्कालीन पुलिस कप्तान संजीव कुमार के द्वारा पुलिस अंकल ट्यूटोरियल जैसे नवोन्मुख कार्यों ने जिले का नाम वैश्विक स्तर तक एक अलग पहचान दिलाई है।_

आज विकास के रफ्तार में शामिल सिमडेगा उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा,सड़क , बिजली, पानी,कृषि जैसे मूलभूत सुविधाओं को विशेष तौर पर अपने नेतृत्व में एक विशिष्ट पहचान देने का कार्य कर रहे हैं।

पुलिस कप्तान सौरव के निर्देशन में सिमडेगा पुलिस जिले के सुरक्षात्मक दृष्टिकोण और भी सुदृढ़, तथा सशक्त रूप से विविध क्षेत्रों में कार्य कर रही है जहां सिमडेगा पुलिस लोगों के सेवा में 24×7 तत्पर है, वहीं “मोर पुलिस, मोय पुलिस” जैसी पुलिस पब्लिक के बीच नवीन पहल उस हाशिए को पाटने का कार्य कर रही हैं।

आज इन गतिमान समय के साथ “सिमडेगा” अपनी “24वीं” वर्षगांठ मनाते हुए युवा सिमडेगा बन चुका है, मौके पर जिला के उपायुक्त, पुलिस कप्तान सहित जिले के गणमान्य लोगों द्वारा जिलेवासियों को बधाई दी है।

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BUREAU CHIEF
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*शीलं परमं भूषणम्*
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