नयी दिल्ली 02 सितंबर (लाइव 7) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि हम सिर्फ चुनावी मशीन नहीं हैं। हम वो खाद-पानी हैं, जो देशवासियों के सपनों को सींचा करते हैं। हम वो खाद-पानी हैं जो अपने आप को खपा कर देश के सपनों को संकल्प और संकल्प को सिद्धि तक ले जाने की यात्रा में अपने आप को डूबो देते हैं।
श्री मोदी ने आज यहां भारतीय जनता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यालय में पार्टी के ‘संगठन पर्व, सदस्यता अभियान 2024’ की शुरुआत की। उन्होंने सबसे पहले भाजपा की सदस्यता ली। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के तमाम बड़े नेताओं ने फिर से पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा कि आज सदस्यता अभियान का एक और दौर प्रारंभ हो रहा है। भारतीय जनसंघ से लेकर अब तक हमने देश में एक नई राजनीतिक संस्कृति लाने का भरसक प्रयास किया है। उन्होंने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा,“जब तक जिस संगठन के माध्यम से या जिस राजनीतिक दल के माध्यम से देश की जनता सत्ता सुपुर्द करती है, वो ईकाई, वो संगठन और वो दल, अगर लोकतांत्रिक मूल्यों को नहीं जीता है, आंतरिक लोकतंत्र निरंतर उसमें पनपता नहीं है,तो वैसी स्थिति बनती है, जो आज देश कई दलों को हम देख रहे हैं। भाजपा एक मात्र दल है. जो अपनी पार्टी के संविधान के अनुसार अक्षरश: लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए अपने कार्य का विस्तार कर रहा है और जन-सामान्य की , आकांक्षाओं पर खरा उतरने के लिए अपने आप को निरंतर योग्य बनाते रहता है।”
उन्होंने कहा कि मैं जब राजनीति में नहीं था, तो जनसंघ के जमाने में बढ़े उत्साह के साथ कार्यकर्ता दीवारों पर दीपक पेंट करते थे,तो कई राजनीतिक दल के नेता अपने भाषणों में मजाक उड़ाते थे कि दीवारों पर दीपक पेंट करने से सत्ता के गलियारों तक नहीं पहुंचा जा सकता है! हम वो लोग हैं, जिन्होंने से दीवारों पर कमल पेंट किया, क्योंकि विश्वास था कि दीवारों पर पेंट किया कमल कभी न कभी तो दिलों पर भी पेंट हो जाएगा।
उन्होंने कहा,“आज भी कुछ राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता उसी जीवन को जीते हैं और अपने आदर्शों के लिए जूझते हैं। हमारे कार्यकर्ताओं के लिए कहा जाता था कि उसका एक पैर रेल में होता है और दूसरा जेल में होता है। रेल में इसलिए… कि भाजपा का कार्यकर्ता निरंतर भ्रमण करता था, प्रवास करता था और समाज की समस्याओं के समाधान के लिए सत्ता पर बैठे हुए लोगों के सामने संघर्ष करता था… इसलिए कभी जेल तो कभी बाहर… ये उसकी स्थिति होती थी।”
उन्होंने कहा कि ये जो सदस्यता अभियान होगा, जो संगठन की संरचना होगी… उसी कालखंड में विधानसभाओं और लोकसभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया होगा। महिलाओं के लिए अगर ये 33 प्रतिशत आरक्षण इसी कालखंड में आने वाला है तो क्या मेरे सदस्यता अभियान में मैं वैसे सभी लोगों को जोड़ूंगा, जो मेरी पार्टी के इतने महत्वपूर्ण निर्णय में अधिकतम महिलाओं को विजयी बनाकर एमएलए, एमपी बना सके।
उन्होंने कहा,“देश में ऐसे-ऐसे इलाके हैं, जहां व्यवस्थाएं इतने सालों के बाद भी पहुंच नहीं पाई थीं। कई लोग जिन्होंने तीन-तीन, चार-चार पीढ़ी में घर नहीं देखा था, जिनका कोई अता-पता नहीं था, वे झुग्गी-झोपड़ी व फुटपाथ पर जिंदगी गुजारते थे। ऐसे चार करोड़ परिवारों को हमने पता दिया है। और जब जिंदगी में घर का पता तय हो जाता है तो मंजिल का पता अपने आप बनने लगता है।”
श्री मोदी ने कहा,“सदस्यता अभियान आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि यह वैचारिक और भावनात्मक आंदोलन है। यह सदस्यता अभियान सिर्फ एक रस्म नहीं है, यह हमारे परिवार का विस्तार है, यह संख्याओं का खेल नहीं है।” उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम कितने नंबर हासिल करते हैं। यह सदस्यता अभियान देश को मजबूत बनाने और सामर्थ्य बढ़ाने का अभियान है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश की नई पीढ़ी को 10 साल पहले के घोटालों की सुर्खियों के बारे में पता नहीं है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सदस्यता अभियान को एक उत्सव की तरह मनाने का आग्रह करते हुए कहा कि मेरे सामने जो अभी 18 से 25 साल की उम्र का जवान है, वह मेरे 2047 के सपने को पूरा करने के लिए शक्ति का सबसे बड़ा स्रोत है। इसलिए युवाओं को विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जोड़ना है, नेशन फर्स्ट के विचार से जोड़ना है। हम सिर्फ चुनावी मशीन नहीं हैं। हम वो खाद-पानी हैं, जो देशवासियों के सपनों को सींचा करते हैं। हम वो खाद-पानी हैं जो अपने आप को खपा कर देश के सपनों को संकल्प और संकल्प को सिद्धि तक ले जाने की यात्रा में अपने आप को डूबो देते हैं।
उन्होंने कहा,“आज देश के गरीब का सबसे ज्यादा भरोसा हमारी नीतियों, निर्णयों और हमारे अपनाए हुए रास्तों से निकले नतीजों में है। इसलिए हमें उस सामर्थ्य के साथ आगे बढ़ना है। मुझे पूरा विश्वास है कि ये सदस्यता अभियान पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ेगा।”
इससे पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री नड्डा ने कहा,“आज के इस अवसर पर मैं अपनी ओर से और आप सब कार्यकर्ताओं की ओर से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का इस कार्यक्रम में आने पर और उनके माध्यम से ये सदस्यता अभियान प्रारंभ करने को लेकर मैं उनका हार्दिक अभिनंदन करता हूं।”
उन्होंने कहा,“हम सब जानते हैं कि प्रधानमंत्री जी देश का प्रधानसेवक होने के नाते, 140 करोड़ देशवासियों के नेतृत्व करने के नाते प्रशासन की बारीकियों में दिन-रात व्यस्त रहते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी हम सबके लिए वो आदर्श हैं। उन्होंने हमेशा इस बात को अपने आप में जीया है कि संगठन सर्वोपरि है और संगठन प्रथम है। संगठन को जब भी आवश्यकता पड़ी है, व्यस्ततम समय में भी वो पार्टी को आगे बढ़ाने की चिंता करते हैं।”
उन्होंने कहा कि जब अमित भाई शाह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तो उस समय उन्होंने सदस्यता अभियान को प्राथमिकता दी थी। उन्होंने कहा था कि हम संगठन के रास्ते बदलेंगे, संगठन के तरीके बदलेंगे, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग जो कमल के निशान के साथ चलना चाहते हैं, उनका हम पार्टी में समावेश कर सकें।
वहीं श्री शाह ने कहा,“हमारी पार्टी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी तो है ही, साथ ही सभी राजनीतिक दलों में एक प्रकार से अनूठी पार्टी है।आज भारत के 1,500 से अधिक राजनीतिक दलों में कोई भी दल लोकतांत्रिक तरीके से विश्वास और खुलेपन के साथ हर छह साल के बाद अपने सदस्यता अभियान को नहीं करता है। ऐसा केवल और केवल भाजपा ही करती है।”
उन्होंने कहा,“हमारी पार्टी में कार्यकर्ता महज सदस्यता का एक अंक नहीं, बल्कि हमारे यहां कार्यकर्ता एक जीवंत इकाई, विचारधारा का वाहक, कार्य-संस्कृति का पोषक और हमारे कार्यकर्ता सरकार और संगठन के बीच में कड़ी का भी काम करते हैं, जो सरकार को हमेशा जनता के साथ जोड़कर रखता है।”
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस सच्चाई को आज कोई नकार नहीं सकता कि नेताओं की कथनी और करनी में अंतर होने के कारण भारत की राजनीति और भारत के नेताओं पर से जनता का विश्वास कम हुआ है। उन्होंने कहा,“भारत की राजनीति में इससे पहले नेताओं की कथनी और करनी में जो विश्वास का संकट पैदा हुआ था, उस विश्वसनीयता के संकट को किसी ने चुनौती के रूप में स्वीकार किया है, तो वो हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है।”
उन्होंने कहा कि 2014 में जब श्री मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, उस समय मैं पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष था। जब हमारा चुनावी घोषणा पत्र बन रहा था, तो उस समय भी हमारे प्रधानमंत्री जी ने बार-बार ये कहा कि अध्यक्ष जी इस बात की सावधानी बरतिएगा कि चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ भी कहा जाए, उसका अक्षरशः पालन हम कर सकें।
(संपादक कृपया शेष पूर्व प्रेषित से जोड़ लें ….)
संतोष.
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हम वो खाद-पानी हैं, जो देशवासियों के सपनों को सींचा करते हैंः मोदी
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