नयी दिल्ली 21 मार्च (लाइव 7) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नवाचार और सहयोग की भावना को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि चिकित्सा विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति स्वास्थ्य सेवा के परिदृश्य में क्रांति ला रही है।
श्री नड्डा ने आज यहां दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान – एम्स के 49 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अंतःविषय साझेदारी और आजीवन सीखने की प्रतिबद्धता से ही मौजूदा समय के दबाव वाले स्वास्थ्य मुद्दों का प्रभावी ढंग से समाधान किया जा सकता है।
श्री नड्डा ने कहा कि निरंतर सीखने और विकास के प्रति प्रतिबद्धता ने दिल्ली के एम्स को एक ऐसे मुकाम पर पहुंचाया है, जहां यह 2018 से चिकित्सा श्रेणी में शीर्ष स्थान पर है। उन्होंने कहा कि एम्स ने देश की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपनी क्षमताओं का लगातार विस्तार किया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एम्स ने खुद को एआई-संचालित डायग्नोस्टिक्स और रोबोटिक सर्जरी प्रशिक्षण में अग्रणी के रूप में स्थापित किया है। यह भारत का पहला चिकित्सा संस्थान है जिसने कई अभूतपूर्व प्रक्रियाएं की हैं, जिसमें दोहरी किडनी प्रत्यारोपण और रीनल ऑटो-ट्रांसप्लांट शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एम्स ने मशीनीकृत सफाई, अपने सफाई कर्मचारियों को अप-स्किलिंग और रीस्किलिंग आदि जैसी पहल करके कायाकल्प पुरस्कारों में लगातार प्रथम रैंक हासिल करने में कामयाबी हासिल की है।
दीक्षांत समारोह के दौरान विभिन्न विषयों में कुल 1,886 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिनमें 77 पीएचडी स्कॉलर, 363 डीएम और एमसीएच विशेषज्ञ, 572 एमडी, 76 एमएस, 49 एमडीएस, 74 फेलोशिप, 172 एमएससी, 191 एमबीबीएस और 312 बीएससी शामिल हैं। एम्स में उनकी सराहनीय सेवाओं के लिए 8 डॉक्टरों को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड मिला। इसके अलावा 28 छात्रों और डॉक्टरों को पदक और पुस्तक पुरस्कार मिले। नौ को प्रशंसा पुरस्कार प्रदान किए गये।
सत्या अशोक
लाइव 7
स्वास्थ्य सेवा में नवाचार का आह्वान किया नड्डा ने

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