नयी दिल्ली, 11 अगस्त (लाइव 7) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय सेना में जज एडवोकेट जनरल (जेएजी) के छह पद पुरुषों के लिए आरक्षित करने के प्रस्ताव को रद्द करते हुए सोमवार को कहा कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक संयुक्त योग्यता सूची तैयार की जाए।
न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने अर्शनूर कौर की याचिका पर यह आदेश पारित किया।
पीठ ने पुरुषों के लिए छह और महिलाओं के लिए तीन पद आरक्षित करने के प्रस्ताव को मनमाना करार देते हुए कहा, “कार्यपालिका पुरुषों के लिए यह पद आरक्षित नहीं कर सकती। भर्ती की आड़ में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती।”
अदालत ने आगे कहा, “लैंगिक तटस्थता और 2023 के नियमों का सही अर्थ यह है कि सरकार सबसे योग्य उम्मीदवारों का चयन करेगी। महिलाओं के लिए संबंधित पद को सीमित करना समानता के अधिकार का उल्लंघन है।”
शीर्ष अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह सभी अभ्यार्थियों के लिए एक संयुक्त योग्यता सूची प्रकाशित करे, जिसमें पुरुष और महिला बिना किसी भेद भाव के शामिल किए जाएं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सेना में जज एडवोकेट जनरल पद पर पुरुषों का आरक्षण किया रद्द
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