नयी दिल्ली, 17 मई (लाइव 7) कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को विदेश तक पहुंचाने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने के नाम पर राजनीति कर रही है और सर्वदलीय में शामिल होने के लिए जिन नाम की सिफारिश की जा रही है उन्हें नहीं भेज रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जय रमेश ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल के विदेशी दौरे करने की योजना सरकार ने तब बनाई जब उसे एहसास हो गया कि उसकी कूटनीति असफल हो चुकी है। उनका कहना था कि पार्टी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का स्वागत करती है, लेकिन इसमें राजनीति को बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सांसदों का प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजकर भारत का रुख दुनिया के सामने रखने की बारे में शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे एवं लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से बात की और प्रतिनिधिमंडल के लिए पार्टी से चार नाम मांगे। श्री रिजिजू के अनुरोध पर पार्टी ने पूर्व विदेश मंत्री आनंद शर्मा, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन और लोकसभा सदस्य अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के नाम सरकार को भेजे, लेकिन आश्चर्यचकित करने वाली बात यह है कि जो नाम पार्टी ने भेजा ही नहीं है उन्हें प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया गया है। इसका मतलब यह हुआ कि प्रतिनिधिमंडल के लिए सांसदों के नामों के बारे में पहले ही फैसला हो गया था महज औपचारिकता के लिए श्री खरगे एवं श्री गांधी से बात की गई। गौरतलब है कि सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस सांसद शशि थरुर को शामिल किया है जबकि पार्टी ने उनका नाम नहीं भेजा।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि मौजूदा घटनाक्रम को लेकर चर्चा करने के लिए कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग कर रही है, लेकिन इन पर श्री मोदी कोई जवाब नहीं दे रहे हैं। अचानक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल अलग-अलग देशों में भेजने की बात आई, लेकिन इसमें ईमानदारी की बजाय राजनीति की जा रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को भारत के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हस्तक्षेप को लेकर जवाब देना चाहते है।
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सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने के नाम पर राजनीति कर रही है सरकार : कांग्रेस
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