मुंबई, 23 दिसंबर (लाइव 7) भारतीय सिनेमा के महान फिल्मकार श्याम बेनेगल के निधन पर बॉलीवुड में शोक की लहर है।
दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित श्याम बेनेगल के निधन से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री में शोक का माहौल है। फिल्मी सितारे भी सोशल मीडिया के जरिये उनके निधन पर दुख व्यक्त कर रहे हैं।
फिल्मकार शेखर कपूर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ उन्होंने ‘नयी लहर’ वाले सिनेमा का निर्माण किया। श्याम बेनेगल को हमेशा ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जायेगा, जिन्होंने अंकुर, मंथन और अनगिनत अन्य फिल्मों के साथ भारतीय सिनेमा की दिशा बदल दी। उन्होंने शबामा आजमी और स्मिता पाटिल जैसे महान कलाकारों को स्टार बनाया। अलविदा मेरे दोस्त और मार्गदर्शक। ”
अक्षय कुमार ने श्याम बेनेगल के निधन की खबर से दुखी हुये। उन्होंने लिखा, “ श्याम बेनेगल जी के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ, हमारे देश के बेहतरीन फिल्म निर्माताओं में से एक, वास्तव में एक लीजेंड। ओम शांति। ”
फिल्मकार हंसल मेहता ने श्याम बेनेगल की फोटो इंस्टाग् पर पोस्ट कर लिखा, “ हमारे महान फिल्म निर्माताओं में से अंतिम, श्याम बाबू, बहुत बढ़िया, मेरे जैसे कई लोगों को प्रेरित करने के लिये आपका धन्यवाद। सिनेमा के लिये आपका धन्यवाद। कठिन कहानियों और दोषपूर्ण पात्रों को इतनी अद्भुत गरिमा देने के लिये आपका धन्यवाद। ”
करण जौहर ने भी श्याम बेनेगल को ंजलि दी और लिखा, “ आपके सिनेमा के लिये धन्यवाद, वे कहानियां जिन्होंने अतुलनीय टैलेंट को मौका दिया और समाज की खींची सीमाओं को लांघ दिया, आपकी दी कहानियां देश का गौरव हैं।”
मनोज बाजपेयी ने कहा, “ भारतीय सिनेमा के लिए ये एक दिल दहला देने वाली क्षति है। श्याम बेनेगल सिर्फ एक लीजेंड नहीं थे, वे एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने कहानी कहने की कला को फिर से परिभाषित किया और पीढ़ियों को प्रेरित किया। ज़ुबैदा में उनके साथ काम करना मेरे लिये एक परिवर्तनकारी अनुभव था, जिसने मुझे उनकी कहानी कहने की अनूठी शैली और अभिनय की बारीक समझ से परिचित कराया। उनके निर्देशन में मैंने जो सीखा उसके लिये मैं हमेशा उनका आभारी रहूंगा। उनके साथ काम करने का अवसर पाना एक बड़ा सम्मान था। उनकी विरासत उनके द्वारा बताई गयी कहानियों और उनके द्वारा छुये गये जीवन में जीवित रहेंगी। शांति से विश् करें, श्याम बाबू, ओम शांति।”
सुधीर मिश्रा ने कहा, “ यदि श्याम बेनेगल ने किसी एक चीज को सबसे बेहतर तरीके से अभिव्यक्त किया है, तो वह है साधारण चेहरे और साधारण जीवन की कविता!”
इला अरुण ने कहा, “ अपने गुरु श्याम बेनेगल के निधन से मैं स्तब्ध और टूट गयी हूं। मुझे ऐसा लग रहा है जैसे मैंने अपने पिता को खो दिया है। ”
.श्रवण
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