नयी दिल्ली,03 दिसंबर (लाइव 7) उच्चतम न्यायालय ने कार्यस्थल पर महिलाओं को उत्पीड़न से बचाने के लिए बनाए गये महिला यौन उत्पीड़न (रोकथाम, संरक्षण और निवारण) अधिनियम-2013 को पूरे देश में एक समान रूप से लागू करने में चुनौतियों के मद्देनजर इस कानून को मजबूत बनाने के लिए मंगलवार को कई दिशानिर्देश जारी किये।
न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को अधिनियम के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए हर जिले में जिला अधिकारियों की नियुक्ति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये हैं। धारा पांच के प्रावधानों के तहत इन अधिकारियों को आंतरिक शिकायत समितियों के बिना जिलों में कार्यस्थल उत्पीड़न की शिकायतों को दूर करने के लिए धारा छह में निर्धारित स्थानीय समितियों का गठन करना आवश्यक है।
यौन उत्पीड़न अधिनियम के क्रियान्वयन को मजबूत बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
Leave a Comment
Leave a Comment