नयी दिल्ली, 09 अगस्त (लाइव 7) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आतंकवादी गतिविधियों के लिए आर्थिक मदद देने और उस में शामिल होने के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट प्रमुख व अलगावादी नेता यासीन मलिक को इस अदालत के समक्ष अपना पक्ष रखने की शुक्रवार को अनुमति मिल गई।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया की पीठ ने मलिक की मौत की सजा की मांग करने वाली राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की याचिका के खिलाफ दोषी की व्यक्तिगत रूप से बहस करने की गुहार स्वीकार करने के साथ ही उसे अगली सुनवाई 19 सितंबर से पहले इस पर एक बार और विचार करने का विकल्प दिया।
यासीन मलिक को उम्रकैद की याचिका पर अपना पक्ष रखने की मिली अनुमति
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