नयी दिल्ली, 31 मई (लाइव 7) भारत ने दुशांबे में ग्लेशियरों को बचाने के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि ग्लेशियरों का पिघलना खतरनाक है और इसका जल सुरक्षा, जैव विविधता तथा अरबों लोगों की आजीविका पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा।
भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने ताजिकिस्तान के दुशांबे में 29 मई से शुरु हुए तीन दिवसीय सम्मेलने को सबोधित करते हुए विकासशील देशों के लिए वैश्विक सहयोग बढ़ाने, साझा वैज्ञानिक अनुसंधान और वित्तीय एवं तकनीकी सहायता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि ग्लेश्यिर मीठे पानी के महत्वपूर्ण भंडार और जलवायु परिवर्तन के संकेतक के रूप में काम करते हैं इसलिए इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ, नीति निर्माता और मंत्रियों को ग्लेशियरों को बचाने के लिए आवश्यक और तत्काल कार्रवाई पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने की जरूरत है।
भारत ने ताजिकिस्तान में दोहराई ग्लेशियर बचाने की प्रतिबद्धता
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