नयी दिल्ली, 13 मार्च (लाइव 7) वेदांता समूह के प्रमुख अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत को देश की ज़रूरतों के लिए दुर्लभ खनिजों की खोज और विकास पर ध्यान देना जरूरी हो गया है क्योंकि दुर्लभ धातुओं की खोज आज की दुनिया में युद्ध और शांति का निर्धारण करेगी।
वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन ने एक बयान में कहा, “वास्तव में भारत के पास दुनिया के दुर्लभ धातुओं का पांचवां सबसे बड़ा भंडार है, लेकिन हम बहुत कम मात्रा में उत्पादन कर रहे हैं। हम अपनी इस क्षमता का सदुपयोग कर सकते हैं।” खान क्षेत्र के दिग्गज उद्योग समूह वेदांता के प्रमुख ने कहा कि इन दुर्लभ धातुओं में 17 खनिजों का समूह शामिल है, जिनके बिना स्मार्टफोन, स्मार्ट टीवी या कोई भी आधुनिक टेक्नोलॉजी नहीं होगी।
श्री अग्रवाल ने कहा, “वर्तमान में चीन दुनिया के दुर्लभ धातुओं की आपूर्ति के 70 फीसदी का नियन्त्रण करता है। यही कारण है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रूस के साथ युद्ध खत्म करने की रणनीति के तहत यूक्रेन के साथ खनिजों के लिए सौदा कर रहे हैं। कोंगो के राष्ट्रपति भी अमेरिका को सुरक्षा के बदले में खनिजों को निकालने की अनुमति देने की पेशकश कर रहे हैं।”
उन्होंने भारत को अपने खनिज स्रोतों के विकास और उपयोग पर ध्यान देने का आह्वान करते हुए कहा है, “आइए इस एक चीज़ पर ध्यान केन्द्रित करें। सौ सुनार की एक लौहार की। देश की ज़रूरतों के लिए।”
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