भारत कतर के बीच बनी रणनीतिक साझीदारी, व्यापार होगा दोगुना

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 18 फरवरी (लाइव 7) भारत एवं कतर ने अपने दोपक्षीय रिश्तों को ‘रणनीतिक साझीदारी’ के स्तर पर उन्नत करते हुए आपसी व्यापार को पांच साल में दो गुना करने, भारत में कतर निवेश केन्द्र खोले जाने तथा भारत एवं कतर के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की आज घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के बीच यहां हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये निर्णय लिये गये। दोनों देशों ने वैश्विक एवं क्षेत्रीय भूराजनीतिक मामलों पर भी विचार विमर्श किया जिनमें हमास एवं इज़रायल के बीच संघर्ष तथा अफगानिस्तान के मुद्दे भी शामिल थे। कतर के अमीर की राजकीय यात्रा के दौरान दो समझौतों और 5 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें एक- द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी के स्तर पर उन्नत करने तथा दूसरा- दोहरे कराधान से बचाव संबंधी करार शामिल हैं।
बैठक के बाद विदेश मंत्रालय में सचिव (कांउसलर, पासपोर्ट, वीसा एवं प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझीदारी में ऊर्जा, व्यापार एवं निवेश तथा सुरक्षा के क्षेत्र शामिल हैं। इसके अलावा दोनों देशों ने बुनियादी ढांचे, बंदरगाह, जहाज निर्माण, फूड पार्क, नवीकरणीय ऊर्जा, रोबोटिक्स एवं आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जतायी है।
उल्लेखनीय है कि कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने आखिरी बार मार्च 2015 को भारत का दौरा किया था। जब प्रधानमंत्री श्री मोदी ने फरवरी 2024 में अपनी दूसरी यात्रा की, तो उन्होंने कतर के अमीर को भारत की राजकीय यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। कतर के अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारिक नेता शामिल हैं।
कतर के अमीर का भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री श्री मोदी की मौजूदगी में आज सुबह राष्ट्रपति भवन में रस्मी स्वागत किया गया। राष्ट्रपति आज शाम को कतर के अमीर से मिलेंगीं और प्रतिनिधिमंडल के साथ अमीर के सम्मान में एक भोज का आयोजन भी करेंगी। प्रधानमंत्री मोदी और अमीर के बीच हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक व्यापार संबंधों, लोगों के बीच गहरे संबंधों और मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को याद किया।
श्री चटर्जी ने कहा कि अपने द्विपक्षीय रिश्ते को रणनीतिक साझीदारी के स्तर तक बढ़ाने के लिए, भारत और कतर ने आज इस संबंध में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। व्यापार, निवेश और ऊर्जा आज दोनों नेताओं के बीच चर्चा के प्रमुख विषयों में से थे। आज भारत और कतर के बीच सालाना लगभग 14 अरब डॉलर का व्यापार होता है। दोनों पक्ष अगले 5 वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य तय करने पर सहमत हुए हैं। कतर भारत में निवेश के लिए भी एक महत्वपूर्ण भागीदार है। कतर के संप्रभु धन कोष, कतर निवेश प्राधिकरण का वर्तमान में भारत में लगभग 1.5 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है।
उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने आज ऐसे कई क्षेत्रों की पहचान की है जिनमें कतर निवेश प्राधिकरण भारत में निवेश बढ़ा सकता है। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा पर व्यापार के लिए शीर्ष कतरी व्यवसाय का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल लाने के लिए कतर के अमीर की सराहना की। इसी के साथ आज भारत और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्रियों की सह-अध्यक्षता में संयुक्त व्यापार मंच भी आयोजित किया गया, जिसमें दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपतियों, कंपनियों और संस्थानों ने बहुत ही उपयोगी बातचीत की।
श्री चटर्जी ने कहा कि भारत और कतर ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत जीवंत साझीदारी साझा करते हैं। कतर भारत के लिए ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। दोनों नेताओं ने आज कहा कि फरवरी 2024 में, कतर एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने 2028 से शुरू होने वाले 20 वर्षों के लिए कतर से भारत में प्रति वर्ष 7.5 मिलियन मीट्रिक टन एलएनजी की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दोनों नेताओं ने आपसी निवेश की खोज सहित ऊर्जा साझीदारी को और मजबूत और व्यापक बनाने के तरीकों पर भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि भारत और कतर के बीच गहरे, मैत्रीपूर्ण संबंध ऐतिहासिक व्यापार और लोगों से लोगों के संबंधों पर आधारित हैं। प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर को कतर में रह रहे विशाल भारतीय समुदाय के लिए उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी अवधि के दौरान दिये सहयोग के लिए।
श्री चटर्जी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हम इस समय भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं। जहां तक ​​कतर का सवाल है, दोनों पक्ष भविष्य में एक द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना तलाश रहे हैं और आज हुई चर्चाओं में इस विषय पर भी बातचीत हुई है। जहां तक ​​​​रणनीतिक साझीदारी समझौते का सवाल है, यह वास्तव में द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति को रणनीतिक स्तर तक बढ़ा देता है। हम जो देख रहे हैं वह व्यापार, ऊर्जा, निवेश, सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना है।”
वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा से जुड़े एक सवाल के जवाब में श्री चटर्जी ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बात की, स्वाभाविक रूप से पश्चिम एशिया की स्थिति और वहां की उभरती स्थिति पर चर्चा हुई। दोनों पक्षों ने इज़रायल-हमास मुद्दे पर अपने आपसी रुख से अवगत कराया और दोनों नेताओं ने एक दूसरे के रुख को समझा और उसकी सराहना की।
कतर की जेलों में कैद भारतीयों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर श्री चटर्जी ने कहा, “हमारे कुछ लोग जेल में हैं, इस समय उनकी संख्या लगभग 600 है। समय-समय पर कतरी नेतृत्व ने उनको क्षमादान देते हुए और उन्हें उनकी शर्तों से रिहा किया है। 2024 में लगभग 85 भारतीयों को क्षमादान मिला है। इसके अलावा हमारे पास कैदियों की सजा के हस्तांतरण का समझौता है जिस पर अभी भी कतरी पक्ष द्वारा अनुमोदन का इंतजार है।”
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों की रिहाई के बारे में श्री चटर्जी ने कहा, “पूर्व नौसेना अधिकारी के बारे में जो अभी भी कतर जेल में है, मैं यह बताना चाहूंगा कि उनका मामला अभी भी कतर की स्थानीय अदालतों में विचाराधीन है। प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर और उनकी सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और कल्याण में किए जा रहे कामों की सराहना की है।”
 
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