बजट में कृषि, ग् ीण विकास को बनाया गया है विकसित भारत की पहल का पहला स्तम्भ: मोदी

Live 7 Desk

नयी दिल्ली, 01 मार्च (लाइव 7) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में कृषि एवं ग् ीण क्षेत्र के विकास को विकसित भारत के सपने की दिशा में प्रयासों का पहला स्तम्भ बनाया गया है ।
श्री माेदी ने कहा कि उनकी तीसरी सरकार के इस पहले पूर्ण यह बजट सरकार की नीतियों में स्थायित्व और विकसित भारत के सपने का विस्तार है। श्री मोदी कृषि और ग् ीण समृद्धि पर सरकार द्वारा आयोजित बजट-पश्चात वेबिनार को संबोधित कर रहे थे, जिसमें देश भर के नीति नियामक, अधिकारी और हितधारकों ने भाग लिया।
उन्होंने कहा कि बजट में कृषि को देश के विकास का स्तम्भ बताया गया है और 1947 तक विकसित भारत के लक्ष्य में विकसित और समृद्ध किसान का लक्ष्य भी शामिल है। श्री मोदी ने कहा, “इस बजट में हमारी नीतियों में निरंतरता दिखी ही है, साथ ही विकसित भारत के विजन में नया विस्तार भी दिखा है।” उन्होंने कहा, “विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे भारत के संकल्प बहुत स्पष्ट हैं। हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत के निर्माण में जुटे हैं, जहां किसान समृद्ध हो, सशक्त हो। हमारा प्रयास है कि कोई किसान पीछे न छूटे।”
प्रधानमंत्री बजट-पश्चात अलग-अलग वेबिनार में अर्थव्यवस्था के विभिन्न खंडों से संबंधित बजट प्रस्तावों पर हितधारकों की सामूहिक चर्चा कराते हैं, ताकि बजट की सोच को मिल कर तेजी से क्रियान्वयन के स्तार पर लाया जा सके। उन्होंने सहभागियों से कहा, “आप चर्चा में नया बजट बनाने की मांग न करें, बल्कि बजट की घोषणाओं को क्रियान्वित करने पर चर्चा करेंगे।”
श्री मोदी ने दलहन जैसे कृषि उत्पादों के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने की आवश्ककता पर बल देते हुए शनिवार को कहा कि इसके लिए किसानों को मुनासिब दाम पर बराबर अच्छे बीज उपलब्ध कराने की व्यवस्था बहुत जरूरी है और उन्न्त बीजों की बाजार श्रृंखला में निजी क्षेत्र को सक्रियता से भाग लेने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार के विशेष प्रयासाें से दलहन उत्पादन बढ़ा है और चना तथा मूंग के मामले में देश आत्म निर्भर हो गया है पर कुल मिला कर दालों के मामले में भारत अब भी 20 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। इस निर्भरता को दूर करने के लिए अरहर, उड़द और मसूर आदि का उत्पादन बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि इस बार के बजट में इस सम्बंध में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि को विकास का पहला इंजन मानते हुए अपने अन्नदाताओं को गौरवपूर्ण स्थान दिया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत छह साल में 11 करोड़ किसानों के खातों में सीधे लगभग पौने चार लाख करोड़ रुपए मिल चुके हैं। इतनी राशि करीब-करीब सीधे पहुंचाई गई है।
श्री मोदी ने हमने एक किसान केंद्रित डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, ताकि देशभर के किसानों तक इस योजना का लाभ पहुंच सके। उन्होंने कहा कि 10-11 साल पहले जो कृषि उत्पादन 26.5 करोड़ टन के करीब था, वह अब बढ़कर 33 करोड़ टन से ज्यादा हो गया है।
उन्होंने कहा, “यह हमारी सरकार के ‘बीज से बाजार तक’ के दृष्टिकोण का परिणाम है। हमने बजट में ‘पीएम धन धान्य कृषि योजना’ का ऐलान किया है। इसके तहत देश के 100 सबसे कम कृषि उत्पादकता वाले जिले… निम्न उत्पादकता वाले जिलों के विकास पर फोकस किया जाएगा। आज लोगों में पोषण को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है।”
उन्होंने कहा कि इसलिए, बागवानी, डेयरी और फिशरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग को देखते हुए इन सेक्टर्स में काफी इंवेस्टमेंट किया गया है। फल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा भी की गई है।
उन्होंने कहा कि 2019 में घोषित मत्स्य सम्पदा योजना से मछील कारोबार में उत्पादकता, उत्पादन और उत्पादन के बाद उत्पाद को संभालने की बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हुआ है। इस क्षेत्र में निवेश बढ़ा है और कुल मछली उत्पादन तथा निर्यात दो गुना हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ग् ीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी संदर्भ में उन्होंने “प्रधानमंत्री आवास योजना-ग् ीण” के तहत करोड़ों गरीबों के अवंटन का उल्लेख किया। उन्होंने कहा,“स्वामित्व योजना” से संपत्ति मालिकों को ‘अधिकार पत्र’ मिला है। हमने “स्वयं सहायता समूह” की आर्थिक ताकत बढ़ाई है। हमने तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा है। हमारे प्रयासों से सवा करोड़ से ज्यादा बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं।”
श्री मोदी ने कहा कि आज लोगों में पोषण को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है और इसलिए बागवानी, डेयरी और मछली की बढ़ती मांग को देखते हुए इन क्षेत्रों में काफी निवेश किया गया है। फल और सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। बिहार में मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा भी की गई है।
उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों के प्रचार प्रसार तथा उन्हें विश्व बाजार तक पहुंचाने का उनका दृष्टिकोण ‘वोकल फॉर लोकल एवं लोकल फॉर ग्लोबल’ आज एक वास्तविकता बन गया है। आयुष के उत्पाद तथा योग स्थानीय स्तर से छलांग लगा कर विश्व स्तर पर पहुंच चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने इसी तरह कहा कि मखाना, बाजरा, हल्दी और कॉफी जैसे भारत के सुपरफूड को भी वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। उन्होंने कहा कि आज भारत कॉफी के मामले में दुनिया का सातवां सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में ग् ीण समृद्धि और विकास कार्यक्रमों के ऐलान से रोजगार के अनेक नए अवसरों की संभावना बनी है।
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