सरना समिति ने धर्मांतरण लाभ का किया विरोध, निशा भगत ने सिर मुंडवाया

Shashi Bhushan Kumar

लोकभवन के बाहर केंद्रीय सरना समिति ने शुक्रवार को उस मुद्दे को लेकर बड़ा विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें धर्मांतरण के बाद भी लोगों को आदिवासी आरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ मिलने पर आपत्ति जताई जा रही है। समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की के नेतृत्व में आयोजित इस विरोध कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक पूजा के साथ की गई।

प्रदर्शन के दौरान समिति की महिला अध्यक्ष निशा भगत ने प्रतीकात्मक विरोध दर्शाते हुए अपना मुंडन कराया, जो कार्यक्रम का सबसे प्रमुख क्षण रहा।

वक्ताओं ने कहा कि—

फूलचंद तिर्की ने कहा कि धर्मांतरण के बाद आदिवासी रीति-रिवाज़ों और पहचान से दूर हो चुके लोग आदिवासी सुविधाएँ लेने से मूल जनजाति समाज के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता जय मंगल उरांव ने दावा किया कि कुछ बाहरी समुदायों के लोग आदिवासी परिवारों में विवाह कर या दस्तावेज़ बनवाकर योजनाओं का गलत तरीके से लाभ ले रहे हैं।

महिला अध्यक्ष निशा भगत ने यह भी कहा कि—

प्रदर्शन में संजय तिर्की, एंजेल लकड़ा, निरा टोप्पो, प्रमोद एक्का, विनय उरांव, पंचम तिर्की, सोहन कच्छप, हंदु भगत सहित कई लोग शामिल हुए।

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