अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित किया जाए : बाबूलाल मरांडी

Shashi Bhushan Kumar

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में हुए अवैध निर्माण को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण न्यायोचित और स्वागतयोग्य है, लेकिन इसकी सजा निर्दोष फ्लैट खरीदारों को नहीं मिलनी चाहिए।

मरांडी ने कहा कि रिम्स परिसर में हुए अवैध निर्माण के लिए हेमंत सरकार का भ्रष्ट तंत्र पूरी तरह जिम्मेदार है। ऐसे में अवैध निर्माण की अनुमति देने वाले रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी, रांची नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी तथा रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी) के अधिकारियों को अविलंब निलंबित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब कोई आम नागरिक फ्लैट या जमीन खरीदता है, तो वह सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों पर भरोसा करता है। जमीन सरकारी है या निजी, इसकी पुष्टि करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है। यदि रिम्स की जमीन पर निर्माण अवैध था, तो फिर वहां बने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी गई। रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता सुनिश्चित करना रजिस्ट्रार का कर्तव्य है। जिस तरह नियमों की अनदेखी हुई है, उसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी से इनकार नहीं किया जा सकता।

मरांडी ने कहा कि रजिस्ट्री के बाद जमीन का म्यूटेशन भी आसानी से हो गया, जबकि आम लोगों को म्यूटेशन के लिए वर्षों तक कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। यह पूरे सरकारी तंत्र में गहरी मिलीभगत की ओर इशारा करता है।

उन्होंने रांची नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रिम्स की जमीन पर बने फ्लैटों का नक्शा आखिर किसके आदेश से पास हुआ, जबकि वर्षों तक हाईकोर्ट के आदेश के कारण नगर निगम में नक्शा पास करने का काम स्थगित था। आम नागरिकों से नक्शा पास कराने के लिए दर्जनों दस्तावेज मांगे जाते हैं और फाइलें महीनों अटकी रहती हैं, लेकिन अवैध निर्माण का नक्शा कैसे स्वीकृत हो गया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस पूरे मामले में रेरा की भी गंभीर जिम्मेदारी बनती है, जिसने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया और आम जनता को संकट में डाल दिया। यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि राज्य के सरकारी तंत्र में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार का परिणाम है।

मरांडी ने राज्य सरकार से मांग की कि जिन निर्दोष लोगों ने फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराया जाए और उनके बैंक लोन की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार वहन करे। साथ ही भ्रष्ट अधिकारियों से इस पूरी राशि की वसूली की जाए।

प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता राफिया नाज, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह तथा अशोक बड़ाइक सहित अन्य नेता उपस्थित थे।

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