मनरेगा का नाम बदला, अब कहलाएगी ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’

Shashi Bhushan Kumar

केंद्र सरकार ने ग्रामीण रोजगार से जुड़ी अपनी प्रमुख योजना में बड़ा बदलाव किया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, जिसे अब तक मनरेगा या MGNREGA के नाम से जाना जाता था, अब पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना कहलाएगी। इस संबंध में केंद्र सरकार ने आवश्यक विधेयक को मंजूरी दे दी है।

नाम परिवर्तन के साथ-साथ योजना के तहत मिलने वाले रोजगार के दिनों में भी बढ़ोतरी की गई है। अब ग्रामीण परिवारों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के बजाय 125 दिनों का सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार का उद्देश्य इस बदलाव के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना और आर्थिक सुरक्षा को मजबूत करना है।

यह योजना ग्रामीण परिवारों की आजीविका सुनिश्चित करने के लिए देश की सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाओं में से एक मानी जाती है। इसके तहत जरूरतमंद परिवारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया जाता है, जिससे पलायन पर भी रोक लगाने में मदद मिलती है।

ग्रामीण रोजगार योजना की शुरुआत वर्ष 2005 में की गई थी और समय-समय पर इसमें बदलाव किए जाते रहे हैं। वर्तमान में इस योजना के अंतर्गत करोड़ों लोग काम कर रहे हैं, जिनमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी है। सरकार का कहना है कि नए नाम और बढ़े हुए कार्यदिवसों से योजना का दायरा और प्रभाव दोनों मजबूत होंगे।

Share This Article
Digital Head,Live-7, Committed to impactful journalism, Shashi Bhushan Kumar continues to bring meaningful narratives to the public with diligence and passion. Active Journalist since 2012.
Leave a Comment