आंध्र प्रदेश के मारेडुमिल्ली जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों में भीषण मुठभेड़, सात नक्सली ढेर – महिला कैडर भी शामिल

Ravikant Upadhyay

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेडुमिल्ली के घने व संरक्षित जंगलों में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। यह टकराव उस समय शुरू हुआ जब सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त टीम को इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी संबंधी पुख्ता सूचना मिली। मंगलवार देर रात से चल रहे व्यापक सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने संदिग्ध गतिविधियां देखीं, जिसके बाद बुधवार तड़के स्थिति मुठभेड़ में बदल गई।

अधिकारियों के अनुसार, एनकाउंटर में अब तक सात नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जिनमें तीन महिला नक्सली भी शामिल हैं। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में हथियार, आयुध, विस्फोटक सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट, नक्शे और नक्सल साहित्य बरामद हुआ है। इन वस्तुओं से संकेत मिलता है कि यह दल पिछले कुछ महीनों से इस क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रहा था और यहां एक नया आधार तैयार करने की कोशिश कर रहा था।

तकनीकी नेटवर्क का मास्टरमाइंड शंकर ढेर

मारे गए नक्सलियों में सबसे चर्चित नाम मेटुरी जोगाराव उर्फ शंकर का है। शंकर श्रीकाकुलम का निवासी था और आंध्र–ओडिशा बॉर्डर (AOB) एरिया कमेटी में एक महत्वपूर्ण पद पर तैनात था। सुरक्षा एजेंसियां उसे नक्सली संगठन की तकनीकी रीढ़ मानती थीं। वह हथियार निर्माण, विस्फोटक यूनिट के संचालन, रेडियो कम्युनिकेशन सिस्टम बनाने, जंगलों में सुरक्षित नेटवर्क तैयार करने और तकनीकी प्रशिक्षण देने का विशेषज्ञ था।

सूत्रों के अनुसार, शंकर नक्सली संगठन के लिए उतना ही रणनीतिक संपत्ति था जितना AOB जोन में रणनीतिक कमांडर। उसकी मौत को सुरक्षा बल बड़ी उपलब्धि मान रहे हैं। एजेंसियों का कहना है कि शंकर के मारे जाने से इस पूरे क्षेत्र में नक्सलियों की तकनीकी क्षमता और संचार तंत्र को गहरा झटका लगेगा।

पिछले कुछ महीनों में बढ़ी थी नक्सली हलचल

इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक, पिछले छह महीनों से AOB क्षेत्र में नक्सली कैडर अपनी गतिविधियां तेज कर रहे थे। जानकारी मिली थी कि यह समूह नए ठिकाने खड़े कर रहा था, स्थानीय युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा था और तटीय इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत करने की योजना बना रहा था। इसी आधार पर सुरक्षा बलों ने विशेष अभियान शुरू किया था।

इंटेलिजेंस एडीजी महेश चंद्र लड्डा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑपरेशन अभी जारी है और जंगलों में विस्तृत तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बरामद दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की फोरेंसिक जांच से आगे कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।

सुरक्षा बलों की बड़ी सफलता

इस मुठभेड़ को हाल के वर्षों में AOB जोन में सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि सात सक्रिय कैडर और एक उच्च स्तर के तकनीकी मास्टरमाइंड के खात्मे से नक्सलियों की कमर टूट सकती है।

वहीं, क्षेत्र में अभी भी कुछ नक्सली समूहों के छिपे होने की आशंका है, जिसके चलते सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके में हाई-इंटेंसिटी सर्च ऑपरेशन जारी रखा है।

अधिकारियों ने बताया कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन आगे भी ऑपरेशन जारी रहेगा ताकि जंगल क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों को पूरी तरह समाप्त किया जा सके।

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