S-400 मिसाइल सिस्टम से जुड़े दस्तावेज़ चुराने की कोशिश, जांच में ISI का नाम आया; भारत ने दी थी शुरुआती सूचना
मॉस्को/नई दिल्ली — रूस की राजधानी मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। रूस की खुफिया एजेंसियों ने एक पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है जो कथित तौर पर रशियन मिलिट्री टेक्नोलॉजी और S-400 मिसाइल सिस्टम से जुड़ी जानकारी चुराने की कोशिश कर रहा था। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक पाकिस्तानी एजेंट की गिरफ्तारी के बाद रूस की एजेंसियों ने कई स्थानों पर छापे मारे। शुरुआती जांच में पता चला कि यह नेटवर्क ISI (Inter-Services Intelligence) यानी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी से जुड़ा हुआ था। इनका मकसद था रूस के हथियारों और डिफेंस डिज़ाइनों की गोपनीय जानकारी हासिल कर उसे पाकिस्तान तक पहुँचाना।
सूत्रों का कहना है कि इस नेटवर्क का मुख्य फोकस रूस की अत्याधुनिक S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम तकनीक को समझना और उसकी खामियों का पता लगाना था। माना जा रहा है कि हाल ही में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को हुए भारी नुकसान के बाद, उसकी खुफिया एजेंसी ने इस सिस्टम को काउंटर करने की तैयारी शुरू कर दी थी। दिलचस्प बात यह है कि यह पूरा मामला सेंट पीटर्सबर्ग से जुड़ा है — वही शहर जहां रूस के कई प्रमुख रक्षा प्रोजेक्ट्स चलते हैं। हालांकि रूसी मीडिया और सरकार इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि रूस आमतौर पर ऐसे मामलों को सार्वजनिक नहीं करता ताकि अन्य देशों के साथ उसके रणनीतिक संबंध प्रभावित न हों।
पूर्व में भी रूस ने ऐसे कई मामलों को गुप्त रखा है। साल 2011 में रूस ने एक चीनी नागरिक को मिसाइल तकनीक चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, लेकिन उस पर भी चीन ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी। रूसी रक्षा फोरम्स और सोशल मीडिया ग्रुप्स में इस समय यह चर्चा जोर पर है कि पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क की जानकारी रूस को भारत की ओर से मिली थी। कई रक्षा विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय खुफिया एजेंसियों ने ही इस नेटवर्क के शुरुआती सुराग साझा किए थे।
हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि जासूसों ने वास्तव में कोई संवेदनशील जानकारी हासिल कर ली थी या नहीं। जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि कहीं डिज़ाइन डॉक्यूमेंट्स या तकनीकी तस्वीरें ऑनलाइन ट्रांसफर तो नहीं की गईं। जानकारी के मुताबिक, पकड़ा गया रूसी नागरिक जिसे पैसे देकर मिलिट्री डॉक्यूमेंट्स चोरी करने के लिए कहा गया था, वह दो तरह की फाइल्स पर काम कर रहा था — एक हेलीकॉप्टर डिज़ाइन से जुड़ी और दूसरी S-400 सिस्टम से। हेलीकॉप्टर डिज़ाइन का भारत से सीधा संबंध नहीं था, लेकिन S-400 सिस्टम से जुड़ी जानकारी लीक होना भारत के लिए चिंता की बात है, क्योंकि भारत वर्तमान में रूस से यही S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है।
रूस और पाकिस्तान के रिश्ते हाल के वर्षों में कुछ बेहतर हुए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अब इस मुद्दे पर पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर बयान नहीं देगा, ताकि दोनों देशों के बीच नई बन रही रणनीतिक साझेदारी प्रभावित न हो। हालांकि भारत के दृष्टिकोण से यह मामला बेहद गंभीर है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर S-400 सिस्टम से जुड़ी कोई भी जानकारी पाकिस्तान के हाथ लगी, तो यह न केवल रूस बल्कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

