‘विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ [VB-G RAM G] बिल, 2025 रखा गया है।
LIVE 7 TV DESK
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (मनरेगा) में बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार एक नया ग्रामीण रोजगार कानून लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसकी झलक तब देखने को मिली, जब इस प्रस्तावित कानून को मौजूदा शीतकालीन सत्र में चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया गया।
जानकारी के अनुसार सोमवार को इस नए विधेयक की प्रति लोकसभा सांसदों के बीच वितरित की गई। प्रस्तावित कानून का नाम ‘विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ [VB-G RAM G] बिल, 2025 रखा गया है।
सरकार का कहना है कि इस नए कानून का उद्देश्य विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप ग्रामीण विकास के लिए एक नया और व्यापक ढांचा तैयार करना है। प्रस्तावित बदलावों में सबसे अहम यह है कि ग्रामीण रोजगार के तहत काम के दिनों की संख्या को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का प्रावधान किया गया है।
हालांकि, मनरेगा के नाम में बदलाव को लेकर राजनीतिक विवाद भी शुरू हो गया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि महात्मा गांधी का नाम योजना से हटाने की आवश्यकता क्यों महसूस की जा रही है।
गौरतलब है कि 12 दिसंबर को यह चर्चा सामने आई थी कि केंद्रीय कैबिनेट ने मनरेगा का नाम बदलकर पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना कर दिया है, हालांकि इस संबंध में अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है।
फिलहाल, प्रस्तावित विधेयक पर संसद में होने वाली चर्चा के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि मनरेगा की मौजूदा संरचना में क्या-क्या बदलाव लागू किए जाएंगे और नया कानून किस रूप में सामने आएगा।

