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नई दिल्ली। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चल रही बहस के दौरान बुधवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव के बीच तीखी बहस देखने को मिली। दुबे ने सदन में एक 70 वर्षीय व्यक्ति के वोटर सूची में नाम जुड़वाने के संदर्भ में टिप्पणी की, जिसके बाद पप्पू यादव ने प्रतिक्रिया देनी चाही तो माहौल गर्मा गया।
70 वर्षीय तजीमुल के वोटर बनने पर उठाया सवाल
चर्चा के दौरान निशिकांत दुबे ने बताया कि बिहार के आजमनगर के रहने वाले तजीमुल नामक 70 वर्षीय व्यक्ति का नाम पहली बार मतदाता सूची में दर्ज कराया जा रहा था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने इस पर आपत्ति जताई और इसे गंभीर विषय माना गया।
दुबे ने सदन में सवाल उठाया, “अगर 2005, 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में वह वोटर नहीं थे, तो क्या अब हमारे चुनाव बाहरी लोगों के वोट से तय होंगे?”
निशिकांत दुबे ने पप्पू यादव को बैठने को कहा
जब पप्पू यादव इस मामले पर अपनी बात रखना चाहते थे, तो निशिकांत दुबे अचानक नाराज़ हो गए। उन्होंने उन्हें बीच में बोलने से रोका और कहा, “आप बैठिए, मैं नाम बता रहा हूं… 70 साल में पहली बार वोटर बन रहे तजीमुल का मामला गंभीर है।”
इस घटना के बाद सदन में कुछ देर तक जोरदार शोरगुल रहा।
कांग्रेस पर इतिहास तोड़ने-मरोड़ने का आरोप
दुबे ने अपनी टिप्पणी में कांग्रेस को भी निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों को लेकर कांग्रेस का रुख हमेशा ढुलमुल रहा है।उन्होंने दावा किया कि राजीव गांधी ने 1988 में मतदान की उम्र 21 से घटाकर 18 वर्ष करने का सुधार लागू किया, जबकि यह सिफारिश 1972 की रिपोर्ट में दी गई थी।
“हम देश की राजनीति करते हैं, वोट की नहीं”
भाषण के अंत में निशिकांत दुबे ने बिहार चुनाव से जुड़े कुछ आंकड़े भी पेश किए और कहा, “हमारी कई सीटें बेहद कम अंतर से हारीं, लेकिन हम वोट की राजनीति नहीं करते, देश की राजनीति करते हैं।”
लोकसभा में इस बहस के बाद चुनाव सुधारों पर चर्चा और तेज हो गई है, जबकि विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

