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झारखंड हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस महेश शरदचंद्र सोनक के नाम को मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार को उनकी नियुक्ति की सिफारिश की है। मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस तरलोक सिंह चौहान के 8 जनवरी को सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस सोनक यह पद संभालेंगे।
जस्टिस एमएस सोनक फिलहाल बॉम्बे हाईकोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं। न्यायिक सेवा के दौरान उन्होंने संवैधानिक और प्रशासनिक कानून से जुड़े कई अहम मामलों की सुनवाई की है और उनका लंबा अनुभव रहा है।
गोवा से गहरा जुड़ाव
जस्टिस सोनक का जन्म 28 नवंबर 1964 को हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गोवा के पणजी स्थित डॉन बॉस्को हाई स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने धेम्पे कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। कानून की पढ़ाई उन्होंने लॉ कॉलेज, पणजी से प्रथम श्रेणी में पूरी की। इसके अतिरिक्त उन्होंने जेवियर सेंटर ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च से पुर्तगाली भाषा में डिप्लोमा भी हासिल किया है।
विधिक करियर और प्रैक्टिस
वर्ष 1988 में जस्टिस सोनक ने महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया। उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट की पणजी पीठ में लंबे समय तक प्रैक्टिस की, जहां सिविल और संवैधानिक कानून, श्रम एवं सेवा कानून, पर्यावरण कानून, वाणिज्य कर, कंपनी कानून और जनहित याचिकाओं से जुड़े मामलों पर काम किया। इस दौरान उन्होंने कई सामाजिक सरोकारों से जुड़े मुद्दों को भी उठाया।
सरकारी सेवाएं और न्यायिक नियुक्ति
अपने करियर के दौरान जस्टिस सोनक ने केंद्र सरकार के लिए अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता के रूप में सेवाएं दीं और बाद में राज्य सरकार के लिए विशेष अधिवक्ता की भूमिका भी निभाई। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक और निजी संस्थानों को कानूनी सलाह प्रदान की। 21 जून 2013 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
अब झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से न्यायिक कार्यप्रणाली को नई दिशा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

