झारखंड में संगठित अपराध का अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन उजागर, पाकिस्तान तक पहुंचा नेटवर्क, गैंगस्टरों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई तेज
LIVE 7 TV /RANCHI
झारखंड में संगठित अपराध का विस्तार अब केवल राज्य की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जुड़ता दिखाई दे रहा है। सुरक्षा एजेंसियों की हालिया जांच में पता चला है कि अमन साहू, प्रिंस खान और सुजीत सिन्हा जैसे कुख्यात गैंगस्टरों के तार पाकिस्तान से संचालित आतंकी मॉड्यूल तक पहुंच चुके हैं। जांच में हवाला के जरिए विदेशों में बड़ी रकम भेजे जाने और बाहरी देशों से आधुनिक हथियार तस्करी के संकेत भी मिले हैं।
विदेशी मॉड्यूल से संपर्क का खुलासा
एटीएस और पुलिस की संयुक्त रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि झारखंड में सक्रिय आपराधिक गिरोह सिर्फ उगाही और रंगदारी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका इस्तेमाल आतंकी नेटवर्क द्वारा रेकी, लॉजिस्टिक सपोर्ट और अन्य गतिविधियों में भी किया जा सकता है। आईजी ऑपरेशन डॉ. माइकलराज एस ने स्थिति को बेहद चिंताजनक बताते हुए इसे आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा माना है।
मुख्यमंत्री ने कड़ाई से कार्रवाई का आदेश दिया
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एटीएस को आक्रामक कार्रवाई करने और इन गैंगों की आर्थिक आपूर्ति लाइन काटने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छिपे अपराधियों के खिलाफ प्रत्यर्पण प्रक्रिया तेज कर दी है।
एटीएस एसपी ऋषभ झा ने बताया कि दुबई में अपना नेटवर्क संचालित कर रहे प्रिंस खान जैसे अपराधियों के खिलाफ पहले से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के अलावा अब उनकी संपत्तियों को सीज करने की तैयारी शुरू हो चुकी है।
अमन साहू गिरोह पर भी कड़ा शिकंजा
अमन साहू गैंग का सक्रिय सदस्य सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह को हाल ही में अज़रबैजान से भारत लाया गया। पूछताछ के दौरान उसने कबूला कि ड्रोन के माध्यम से हथियार आपूर्ति, हवाला चैनल और पाकिस्तान तक फैले मॉड्यूल से सीधा संपर्क काम का हिस्सा था।
उसके बयान से यह स्पष्ट है कि झारखंड के अपराधी गठजोड़ ने अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी जड़ें जमा ली हैं, जो सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण संकेत है।
राज्य की प्राथमिकता: नेटवर्क का पूर्ण सफाया
सरकारी एजेंसियों की प्राथमिकता अब उन सभी आर्थिक और लॉजिस्टिक चैनलों को खत्म करना है, जो इन गैंगों को सक्रिय बनाए हुए हैं। संपत्ति जब्त करने, विदेशी नेटवर्कों पर निगरानी और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है, ताकि इस आपराधिक-आतंकी गठजोड़ को पूरी तरह तोड़ा जा सके।

