15 दिसंबर से झारखंड में राज्यव्यापी धान अधिप्राप्ति अभियान शुरू, किसानों को 2450 रुपये प्रति क्विंटल का एकमुश्त भुगतान

Ravikant Upadhyay

झारखंड सरकार ने किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए खरीफ विपणन मौसम 2025-26 के तहत राज्यव्यापी धान अधिप्राप्ति अभियान की शुरुआत 15 दिसंबर 2025 से करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में शुरू होने जा रहे इस अभियान को सरकार ने ऐतिहासिक पहल बताया है। सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि राज्य के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले और भुगतान में किसी प्रकार की देरी न हो।

इस धान अधिप्राप्ति अभियान को सफल बनाने में स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। वे स्वयं राज्य के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से व्यक्तिगत रूप से फोन पर संपर्क कर रहे हैं और उनसे आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में स्थापित धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर आयोजित शुभारंभ कार्यक्रमों में भाग लें। मंत्री का मानना है कि जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति से किसानों का मनोबल बढ़ेगा और यह अभियान एक जन-आंदोलन का रूप ले सकेगा।

डॉ. इरफान अंसारी ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी जनप्रतिनिधि का किसी कारणवश कार्यक्रम स्थल पर भौतिक रूप से उपस्थित होना संभव नहीं है, तो वे ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित कर किसानों को अपना समर्थन अवश्य दें। उन्होंने सभी जिलों के आपूर्ति पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर अधिप्राप्ति केंद्रों पर कार्यक्रम का विधिवत और सुचारु शुभारंभ सुनिश्चित करें।

मंत्री ने बताया कि इस वर्ष राज्य में खेती की स्थिति काफी अच्छी रही है और किसानों ने मेहनत के साथ बेहतर उत्पादन किया है। इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने किसानों को धान बिक्री पर बोनस सहित 2,450 रुपये प्रति क्विंटल का एकमुश्त भुगतान सुनिश्चित करने का फैसला किया है। सरकार का दावा है कि यह राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी जाएगी, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी और बिचौलियों की भूमिका समाप्त होगी।

इस अभियान के तहत पूरे झारखंड में कुल 783 धान अधिप्राप्ति केंद्रों का चयन किया गया है। सरकार के अनुसार सभी केंद्रों पर आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, ताकि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। केंद्रों पर धान तौल, भंडारण और भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और सरल बनाया गया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की इस किसान-हितैषी पहल की राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर सराहना हो रही है। कई किसान संगठनों ने भी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

डॉ. इरफान अंसारी ने दोहराया कि जनप्रतिनिधियों, प्रशासन और किसानों के सामूहिक प्रयास से ही यह अभियान सफल होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को मजबूत करना सरकार का दायित्व है और झारखंड सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है। सरकार की मंशा है कि धान अधिप्राप्ति अभियान न केवल किसानों को आर्थिक राहत दे, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती प्रदान करे।

Share This Article
Leave a Comment