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झारखंड में ओबीसी छात्रों की लंबित छात्रवृत्ति और 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र से मिलने वाली बकाया राशि को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार खटीक तथा केंद्रीय पंचायती राज मंत्री ललन सिंह से मुलाकात कर झारखंड से जुड़े विभिन्न मुद्दों को उनके समक्ष रखा। इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सांसद आदित्य साहू, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश भी शामिल रहे। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री से हुई बैठक के दौरान झारखंड की पंचायती राज मंत्री दीपिका सिंह पांडे भी मौजूद थीं।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार की लापरवाही, प्रशासनिक अक्षमता और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण झारखंड की जनता परेशान है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिल पाने की स्थिति राज्य सरकार की उदासीनता का नतीजा है, क्योंकि समय पर केंद्र सरकार को आवश्यक सूचना नहीं भेजी गई।
उन्होंने आगे कहा कि पंचायती राज विभाग के तहत वर्ष 2024–25 की पहली किस्त की राशि केंद्र सरकार द्वारा झारखंड को भेज दी गई है, लेकिन राज्य सरकार अब तक उसका उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को नहीं भेज पाई है। मरांडी ने आरोप लगाया कि वित्तीय अनुशासन की कमी के कारण राज्य सरकार अपनी हिस्सेदारी भी नहीं दे पा रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो मार्च 2026 तक केंद्र की स्वीकृत राशि स्वतः वापस हो सकती है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए लगातार केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ने की कोशिश कर रही है, जबकि उसे राज्य के समग्र विकास से कोई सरोकार नहीं दिखाई देता।

