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झारखंड में वायु गुणवत्ता सुधार और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी क्रम में रांची स्थित नेपाल हाउस में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की एक अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता विभागीय सचिव अबूबकर सिद्दीक ने की। यह बैठक नेशनल ग्रीन एयर प्रोग्राम के तहत गठित राज्य स्तरीय निगरानी एवं कार्यान्वयन समिति की सातवीं बैठक थी।
पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की समीक्षा की गई और वर्ष 2025–26 के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्राप्त होने वाले फंड के समयबद्ध और प्रभावी उपयोग पर चर्चा हुई। इस दौरान यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया कि आवंटित राशि का उपयोग तय लक्ष्यों के अनुरूप किया जाए।
फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि का उपयोग निर्धारित समयसीमा के भीतर और ठोस परिणामों के साथ होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की शुरुआत सरकारी दफ्तरों और स्कूल बसों से की जानी चाहिए। साथ ही शहरों के प्रमुख स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।
बैठक में रांची, जमशेदपुर और धनबाद की वायु गुणवत्ता की समीक्षा की गई। समीक्षा में बताया गया कि धनबाद को छोड़कर अन्य शहरों में फिलहाल हवा की गुणवत्ता संतोषजनक स्थिति में है।
इसके अलावा ग्रीन बिल्डिंग, ग्रीन स्टील, पुराने वाहनों को हटाने की प्रक्रिया तथा ई-कचरा प्रबंधन जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। विभागीय सचिव ने इन मुद्दों पर चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ अलग से बैठक कर सुझाव लेने की बात कही।
बैठक में सूडा के चेयरमैन सूरज कुमार, परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी भी उपस्थित थे।

