रांची। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी (DSPMU) में सेमेस्टर फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का विरोध मंगलवार को और तेज हो गया। नाराज छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए कुलपति (VC) और रजिस्ट्रार का पुतला दहन किया। छात्रों ने आरोप लगाया कि DSPMU प्रशासन मनमाने तरीके से फीस बढ़ाकर “चंदा वसूली” कर रहा है और छात्रों को आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
सुबह से ही विश्वविद्यालय परिसर में छात्रों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। इसके बाद दर्जनों छात्र संगठनों ने एकजुट होकर मुख्य गेट को बंद कर दिया, जिससे विश्वविद्यालय में प्रवेश व निकास पूरी तरह बाधित हो गया। छात्रों ने कहा कि जब तक फीस बढ़ोतरी वापस नहीं ली जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
कॉमर्स विभाग से 2 करोड़ की आय, फिर भी नहीं क्वालिटी एजुकेशन – छात्र
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सबसे गंभीर आरोप कॉमर्स विभाग को लेकर लगाया। उनका कहना है कि कॉमर्स विभाग में 2000 से अधिक विद्यार्थी हैं और उससे विश्वविद्यालय को हर वर्ष लगभग 2 करोड़ रुपए की आय होती है, फिर भी विभाग में शिक्षण सुविधाओं की भारी कमी है। छात्रों के अनुसार, क्लासरूम की स्थिति खराब है, नियमित कक्षाएं नहीं होतीं, और पर्याप्त शिक्षक भी उपलब्ध नहीं हैं।
छात्रों का कहना है कि आय इतनी अधिक होने के बावजूद विश्वविद्यालय में आधुनिक सुविधाओं का घोर अभाव है। प्रयोगशालाएं पुरानी हैं, पुस्तकालय में पर्याप्त अध्ययन सामग्री नहीं है और छात्रों को समय पर परिणाम भी उपलब्ध नहीं कराए जाते।
“फीस बढ़ोतरी नहीं, यह लूट है” – छात्रों का आरोप
छात्र नेताओं ने कहा कि DSPMU लगातार शुल्क बढ़ाकर छात्रों पर आर्थिक बोझ डाल रहा है। कई छात्रों ने कहा कि सेमेस्टर फीस बढ़ाना उचित नहीं है, जबकि विश्वविद्यालय की बुनियादी सुविधाएं और पढ़ाई की गुणवत्ता लगातार गिर रही है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन पारदर्शिता से काम नहीं कर रहा है और बिना किसी परामर्श के फीस में बढ़ोतरी लागू कर दी गई है।
एक छात्र नेता ने कहा, “DSPMU अब भ्रष्ट यूनिवर्सिटी बनती जा रही है। फीस के नाम पर चंदा वसूली हो रही है, लेकिन न शिक्षण सुविधा सुधर रही है, न प्रशासन की कार्यप्रणाली।”
पुतला दहन के बाद माहौल तनावपूर्ण
पुतला दहन के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में माहौल तनावपूर्ण रहा। हालांकि पुलिस बल मौके पर मौजूद था, जिससे किसी अप्रिय घटना को होने से रोका जा सका। प्रदर्शन के कारण विश्वविद्यालय परिसर में लगभग दो घंटे तक गतिविधियाँ बाधित रहीं।
प्रशासन मौन, छात्र आंदोलन जारी
घटना के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन फीस बढ़ोतरी वापस लेने पर विचार नहीं करता, तो वे व्यापक आंदोलन की ओर बढ़ेंगे और कक्षाएं व परीक्षाएं बाधित करने सहित बड़े निर्णय भी ले सकते हैं।
DSPMU में यह पहला मौका नहीं है जब छात्र फीस बढ़ोतरी को लेकर सड़कों पर उतरे हैं। पिछले एक वर्ष में यह तीसरी बार है जब छात्रों ने खुलेआम प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया है।
छात्र संगठनों ने स्पष्ट कहा है कि उनकी मांगें पूरी होने तक संस्थान का संघर्ष जारी रहेगा।

