मनरेगा को कमजोर कर ग्रामीण रोजगार छीना गया: कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला

Shashi Bhushan Kumar

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार पर मनरेगा को समाप्त कर ग्रामीण जनता से रोजगार की गारंटी छीनने का आरोप लगाया। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी के. राजू ने कहा कि मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 100 दिन के रोजगार की जो गारंटी थी, उसे नए विधेयक के माध्यम से खत्म कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि पहले यह अधिकार मजदूरों के पास था कि किस गांव में काम होगा, लेकिन अब यह फैसला केंद्र सरकार करेगी। साथ ही मनरेगा में केंद्र सरकार की वित्तीय हिस्सेदारी को 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है और यह भी केवल चुनिंदा क्षेत्रों तक सीमित रहेगा। इससे गरीब राज्यों में ग्रामीण रोजगार स्वतः समाप्त होने की आशंका है। राजू ने कहा कि महात्मा गांधी के नाम से जुड़ी इस योजना का नाम बदलकर उनके सिद्धांतों और विचारधारा को कमजोर करने का प्रयास किया गया है। उनके अनुसार मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ थी, जिसे समाप्त कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 काल में इस योजना से लाखों लोगों को रोजगार मिला था, जो जीवनरक्षक साबित हुआ। कांग्रेस ने घोषणा की कि 21 दिसंबर से जिला स्तर पर इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने नेशनल हेराल्ड मामले पर कहा कि न्यायालय से सोनिया गांधी और राहुल गांधी को न्याय मिला है और सत्य की विजय हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व को झूठे मामलों में फंसाने के विरोध में पार्टी की ओर से भाजपा कार्यालय का घेराव किया गया।

उन्होंने संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि कांग्रेस स्थापना दिवस के अवसर पर पंचायत, बूथ और प्रखंड स्तर पर कार्यालयों में झंडा फहराया जाएगा। संगठन सृजन अभियान झारखंड में अंतिम चरण में है, जिसके तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में 12 सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हर माह पंचायत और प्रखंड स्तर पर बैठकें होंगी, बीएलए की नियुक्ति के बाद उनके प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही 1100 म्युनिसिपल वार्ड के गठन का कार्य भी अंतिम चरण में है। 17 जनवरी के बाद सभी प्रखंडों में संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

संवाददाता सम्मेलन में सह प्रभारी सीरीबेला प्रसाद, भूपेंद्र मारावी, सुबोध कांत सहाय, बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, राकेश सिन्हा, सतीश पॉल मुजनी, सोनाल शांति और रमा खलको समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।

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