बंद छात्रवृत्ति, परीक्षा शुल्क वृद्धि और धान खरीद पर एनडीए का कड़ा रुख

Shashi Bhushan Kumar

राज्य सरकार की नीतियों और कामकाज को लेकर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता में शनिवार को प्रदेश कार्यालय में एनडीए विधायक दल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल, सचेतक नागेंद्र महतो, सी.पी. सिंह, शशिभूषण मेहता, देवेंद्र कुंवर, जनार्दन पासवान, आलोक चौरसिया, प्रदीप प्रसाद, रोशन लाल चौधरी, नीरा यादव, शत्रुघ्न महतो, अमित यादव, उज्ज्वल दास और मंजू देवी शामिल हुए।

बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य सचेतक नवीन जायसवाल ने कहा कि एनडीए विधायक दल ने राज्य सरकार की विफलताओं पर विस्तृत चर्चा की है और आगामी सदन में इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरने का निर्णय लिया गया है।

“छात्रवृत्ति रुकी, छात्र पढ़ाई छोड़ने पर मजबूर”

जायसवाल ने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़े और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हजारों छात्र पिछले लंबे समय से छात्रवृत्ति भुगतान रुके होने के कारण गहरी परेशानी में हैं। कई छात्र आर्थिक संकट के कारण पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने परीक्षा शुल्क में हुई तेज वृद्धि को छात्रों के साथ “दोहरे अत्याचार” जैसा बताया।

धान खरीद में लापरवाही से किसान परेशान

मुख्य सचेतक ने आरोप लगाया कि अच्छी पैदावार के बावजूद किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम पर धान बेचने को विवश हैं। राज्य सरकार अब तक खरीद केंद्र खोलने का निर्णय तक नहीं ले सकी है।
उन्होंने कहा— “3200 रुपये में धान खरीदने का वादा कर वोट लेने वाली सरकार 2400 रुपये में भी खरीद नहीं कर रही।”

“सात गारंटी असफल, सरकार झूठे वादों की सरकार”

जायसवाल ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सात गारंटी में से एक भी पूरी नहीं हुई।
उन्होंने कहा—

  • 450 रुपये में गैस सिलेंडर देने का वादा पूरा नहीं हुआ।
  • 15 लाख का स्वास्थ्य बीमा अभी तक सिर्फ कागजों में है।
  • 10 लाख नौकरियों का दावा भी छलावा साबित हुआ।

सदन में जवाबदेही की मांग

जायसवाल ने कहा कि पिछले छह वर्षों में झारखंड “12 कदम पीछे चला गया” और राज्य दिवालियापन की कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि शिलान्यास के बावजूद फंड जारी न होने से कई योजनाओं पर काम शुरू तक नहीं हो पाया है।

एनडीए के विधायक आगामी विधानसभा सत्र में इन सभी ज्वलंत मुद्दों पर सरकार से कड़ा जवाब मांगेंगे।

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