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भाजपा प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू ने राज्य सभा में शून्यकाल के दौरान विगत दिनों चाईबासा में नो इंट्री लागू करने की मांग करने वाले आदिवासी भाइयों पर हुए लाठी चार्ज,आंसू गैस छोड़े जाने, निर्दोषों को जेल भेजे जाने, अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज किए जाने और पूर्व मुख्यमंत्री के साथ उपायुक्त के द्वारा दुर्व्यवहार किए जाने के मामले को उठाया और जांच की मांग की।
साहू ने कहा कि विगत 27 अक्टूबर को चाईबासा में पोखरिया टाटा बायपास रोड पर दिन में भारी ओवरलोडेड वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। दो वर्षों में यहां लगभग 200 लोगों की जान भारी वाहनों से कुचलकर हो गई है। यह इलाका आदिवासी बहुल इलाका है। वाहनों से परेशान सैकड़ों स्थानीय स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर भारी वाहनों का दिन में परिचालन नहीं होने की मांग की,धरने पर भी बैठे।लेकिन वहां के स्थानीय विधायक और राज्य के परिवहन मंत्री ने लोगों से बात करना भी उचित नहीं समझा। न कोई पदाधिकारी आकर बातों को सुना। हद तो तब हो गई जब रात के अंधेरे में कांग्रेस पार्टी समर्थित झामुमो की सरकार ने धरना पर बैठे लोगों पर सूर्यास्त के बाद रात के अंधेर में लाठीचार्ज करवाया, आंसू गैस के गोले छोड़े गए। ऐसे में कांग्रेस पार्टी का पुराना चरित्र जो आदिवासी, दलित पिछड़ा विरोध का रहा है उजागर हुआ।
कहा कि इतना ही नहीं पुलिस प्रशासन ने 75 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया।10 पुरुष और 7 महिलाओं को रात में गिरफ्तार किया गया। 500 से अधिक अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया।कहा कि इतना ही नहीं जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा उपायुक्त के पास घटना के बाद प्रतिनिधिमंडल के साथ ज्ञापन सौंपने जाते हैं तो वहां भी एक गरीब आदिवासी का बेटा पूर्व मुख्यमंत्री जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है।
कहा कि आखिर पदाधिकारियों का इतना मनोबल किसने बढ़ाया। ये राज्य को लूटने और गोरखधंधा करने वाले लोग हैं।कहा कि एक तरफ खुद को राज्य सरकार आदिवासी की हितैषी बताती है दूसरी ओर आदिवासियों को लगातार प्रताड़ित और अपमानित किया जा रहा है। यह राज्य को कलंकित करने वाली घटना है।कहा कि इस पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच की वे मांग करते हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो।

