जल–जंगल–जमीन से जुड़ा विकास मॉडल : कृषि व वनोपज को मिलेगी नई गति

Shashi Bhushan Kumar

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड विधानसभा परिसर में सिद्धो–कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड (सिद्धकोफेड) की चौथी बोर्ड बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि एवं वनोपज क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण, किसानों की आय वृद्धि, डिजिटल सुविधा विस्तार, स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन व्यवस्था को मजबूत करने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर निर्णय लिए गए।मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कृषि और वनोपज आधारित आजीविका की अपार संभावनाएं हैं। राज्य सरकार का फोकस खेती–किसानी को आधुनिक तकनीक से जोड़ने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने पर है।

बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिलना चाहिए, ताकि उनका मनोबल बढ़े और वे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें।सरकार सिंचाई, बीज, भंडारण और मार्केटिंग जैसी सुविधाओं को समयबद्ध तरीके से मजबूत करने पर काम कर रही है।उन्होंने जलस्रोतों, चेक डैम की मरम्मत और संरक्षण पर विशेष बल देते हुए कहा कि इन संरचनाओं की देखरेख की जिम्मेदारी किसान समूहों और जलसहिया समितियों को देकर स्थानीय जवाबदेही बढ़ाई जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के लिए एक स्पेशल मोबाइल एप विकसित किया जाए, जहां वे अपनी फसलों, बाजार दरों, आवश्यक सामग्री और खरीद–बिक्री की जानकारी साझा कर सकें।

साथ ही, एक कृषि पोर्टल विकसित करने के निर्देश दिए गए, जिसके माध्यम से उपभोक्ता सीधे किसानों से कृषि उत्पाद खरीद सकें। इससे बिचौलियों की भूमिका घटेगी और किसानों की आय में सीधी बढ़ोतरी होगी।

लाह, तसर, महुआ, चिरौंजी, कोदो–कुटकी जैसे झारखंड के विशिष्ट वनोपजों के उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए ठोस योजनाएँ अपनाई जाएंगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि वनोपज आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने “किसान पाठशाला” को और प्रभावी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को नई तकनीक, नवाचार और संरक्षण पद्धतियों को सिखाने के लिए वीडियो आधारित प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए जाएँ।इन पहलों के माध्यम से ग्रामीण व जनजातीय समुदायों को आधुनिक आर्थिक संरचना से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में सिद्धकोफेड ने वित्तीय वर्ष 2025–26 और 2026–27 के लिए विभिन्न योजनाओं, बजट और कार्ययोजनाओं पर चर्चा की।
लाह, रेशम, बीज और तसर जैसे उत्पादों के उत्पादन, संकलन, प्रसंस्करण और विपणन से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णय भी लिए गए।

बैठक में कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, मुख्य सचिव अविनाश कुमार, सचिव अबु बकर सिद्दीक, प्रशांत कुमार, कृपानंद झा, अरवा राजकमल और अन्य संबंधित विभागों के वरीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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