वियेनतिएन, 10 अक्टूबर (लाइव 7) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लुआंग प्रबांग के प्रतिष्ठित रॉयल थिएटर द्वारा प्रस्तुत लाओस की ायण का नाट्य रूपांतर ‘फलक फलम या फ्रा लाक फ्रा ‘ का एक एपिसोड देखा।
ायण महाकाव्य दोनों देशों के बीच साझा विरासत और सदियों पुरानी सभ्यता के संबंध को दर्शाता है। लाओस में सदियों से भारतीय संस्कृति और परंपरा के कई पहलुओं का अभ्यास और संरक्षण किया जाता रहा है।
दोनों देश अपनी साझा विरासत को रोशन करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण लाओस में वट फू मंदिर और संबंधित स्मारकों के जीर्णोद्धार में लगा हुआ है।
इस अवसर पर बैंक ऑफ लाओ पीडीआर के गवर्नर और वियनतिएन के मेयर उपस्थित थे। ायण प्रदर्शन से पहले, प्रधानमंत्री ने लाओ पीडीआर के केंद्रीय बौद्ध फैलोशिप संगठन के वरिष्ठ बौद्ध भिक्षुओं के आशीर्वाद समारोह में भाग लिया, जिसका नेतृत्व वियनतिएन में सी साकेत मंदिर के प्रतिष्ठित मठाधीश महावेथ मसेनई ने किया। साझा बौद्ध विरासत भारत और लाओस के बीच घनिष्ठ सभ्यतागत संबंधों के एक और पहलू का प्रतिनिधित्व करती है।
.साहू
लाइव 7
मोदी ने देखी लाओस की ायण
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