खनन राजस्व में भारी गिरावट: 4 साल में झारखंड को करोड़ों का नुकसान, CAG रिपोर्ट ने खोली गड़बड़ियां
LIVE 7 TV / RANCHI
झारखंड में लघु खनिजों से होने वाली आय में लगातार गिरावट पर नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने गंभीर सवाल खड़े किए हैं। राज्य विधानसभा में पेश की गई इस रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017-18 से 2021-22 के बीच लघु खनिजों से प्राप्त राजस्व में भारी कमी आई है। रॉयल्टी, किराया और जुर्माने की सही वसूली न होने के कारण राज्य के खजाने को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा।
चार वर्षों में राजस्व में 385 करोड़ रुपये से अधिक की कमी
रिपोर्ट के मुताबिक—
- 2017-18 में राजस्व: 1,082.44 करोड़ रुपये
- 2021-22 में राजस्व: 697.73 करोड़ रुपये
यानी इस अवधि में लघु खनिजों से राज्य की आय में करीब 385 करोड़ रुपये की गिरावट दर्ज की गई।
राज्य के कुल राजस्व में लघु खनिजों का योगदान भी 5.36% से घटकर 2.23% पर पहुंच गया।
खनन पट्टों के आवंटन और प्रबंधन में गड़बड़ियां
वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि—
- खनन पट्टों के आवंटन में अनियमितताएं,
- लीज़ प्रबंधन में कमजोरियां,
- वसूली प्रक्रिया में गंभीर चूक
ऑडिट में सामने आई हैं।
नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 के बीच किए गए व्यापक प्रदर्शन ऑडिट का उद्देश्य उन कमी वाले क्षेत्रों की पहचान करना था, जहां सुधार की तत्काल आवश्यकता है।
रॉयल्टी और जुर्माने की वसूली में लापरवाही
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि—
- रॉयल्टी,
- किराया,
- और जुर्माने
का या तो कम भुगतान हुआ या कई मामलों में बिल्कुल भुगतान नहीं हुआ।
इन लापरवाहियों के कारण सरकार को राजस्व में भारी चूना लगा।
JSMDC और जिला खनन कार्यालयों की भी जांच
ऑडिट के दौरान—
- झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC)
- और छह जिला खनन कार्यालयों
की कार्यप्रणाली की भी जांच की गई। सभी जगहों पर खनिज प्रबंधन में गंभीर कमियां पाई गईं, जिनका सीधा असर राज्य की आय पर पड़ा।

