शीतकालीन सत्र में हंगामा: छात्रवृत्ति से लेकर फसल नुकसान तक उठे तीखे सवाल

Shashi Bhushan Kumar

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और सवालों के साथ शुरू हुई। सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए करीब 8,000 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में पेश किया गया। इसमें ‘मईयां सम्मान योजना’ को उच्च प्राथमिकता देते हुए सबसे बड़ा आवंटन किया गया है। साथ ही सिंचाई, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्यों को तेज़ करने पर जोर दिया गया है। विभागों ने करीब 13 हजार करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन समीक्षा के बाद लगभग 8 हजार करोड़ की स्वीकृति दी गई।

कार्यवाही शुरू होते ही छात्रवृत्ति को लेकर सवाल उठा। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि पिछली सरकार ने छात्रवृत्ति राशि कम की थी और वर्तमान सरकार ने इसे बढ़ाया है। इस पर कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई, जिससे सदन में बहस तेज़ हो गई।

जेएमएम विधायक अनंत प्रताप देव ने आपदा सहायता राशि के भुगतान में देरी पर प्रश्न उठाया। उन्होंने कहा कि विभिन्न आपदाओं—जैसे सड़क दुर्घटना, बिजली गिरना, सर्पदंश, अतिवृष्टि, खनन दुर्घटना और नक्सली हिंसा—में पीड़ित परिवारों को मुआवजा मिलने में छह महीने से एक साल तक का समय लग जाता है। उन्होंने मांग की कि आवेदन के बाद एक माह के भीतर भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने अपने क्षेत्र में हाल में हुई ओलावृष्टि से किसानों व ग्रामीणों को हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कि सरकार कब तक प्रभावित परिवारों को मुआवजा उपलब्ध कराएगी।

सदन की कार्यवाही पुनः आरंभ होने पर चतुर्थवर्गीय कर्मियों की लंबित प्रोन्नति का मुद्दा उठा। विधायक रामचंद्र सिंह ने सवाल किया कि राज्य गठन के बाद से इस वर्ग के कर्मचारियों को अभी तक पदोन्नति का लाभ क्यों नहीं मिल पाया, जबकि अन्य राज्यों में इसका प्रावधान है।

वित्त मंत्री ने बताया कि दूसरा अनुपूरक बजट आज प्रस्तुत किया जाएगा और इस पर कल विस्तार से चर्चा होगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

सत्र की शुरुआत में ही छात्रवृत्ति को लेकर सवाल उठे। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि पूर्व सरकार में छात्रवृत्ति राशि कम कर दी गई थी, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे बढ़ाया है। इस मुद्दे को लेकर सदन में आरोप-प्रत्यारोप का माहौल बन गया।

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