पाकिस्तान में लोकतंत्र कमजोर, सेना और मजबूत: आजीवन वर्दी में रहेंगे आसिम मुनीर

Ravikant Upadhyay

पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सेना के बढ़ते प्रभाव के बीच शहबाज शरीफ सरकार ने सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की ताकत को और अधिक बढ़ा दिया है। पाकिस्तान सरकार ने औपचारिक रूप से एक नया पद ‘चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेस’ (CDF) बना कर इस पर आसिम मुनीर की नियुक्ति कर दी है। यह नियुक्ति अगले पांच वर्षों के लिए की गई है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की तीनों सेनाओं—थलसेना, नौसेना और वायुसेना—की कमान अब प्रत्यक्ष रूप से एक ही व्यक्ति के हाथों में केंद्रित हो गई है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस नए पद का मकसद तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और संयुक्त रणनीतिक फैसलों को मजबूत करना है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर को भी दो साल का कार्यकाल विस्तार दिया है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि मौजूदा सैन्य नेतृत्व पर सरकार पूरी तरह भरोसा जता रही है। दरअसल, सीडीएफ का यह पद चेयरमैन ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) की जगह लाया गया है। हाल ही में इस पुराने पद को समाप्त कर दिया गया था। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने भी आसिम मुनीर की इस नई नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी है, जिससे इस फैसले को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है।

गौरतलब है कि मई 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के साथ हुए संघर्ष में पाकिस्तान को करारी सैन्य और कूटनीतिक हार का सामना करना पड़ा था। इस दौरान पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत से संघर्ष रोकने की अपील की थी। इसके बावजूद आसिम मुनीर ने देश के भीतर यह प्रचार किया कि पाकिस्तान ने भारत पर जीत हासिल की है। इसी के कुछ समय बाद शहबाज सरकार ने उन्हें फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत कर दिया, जिसके बाद से उन्हें पाकिस्तान का अनौपचारिक “सत्ता केंद्र” माना जाने लगा।

आसिम मुनीर को वर्ष 2022 में पाकिस्तानी सेना का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इसके बाद वर्ष 2024 में उनका कार्यकाल असाधारण रूप से पांच वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया। कुछ ही महीनों पहले उन्हें फील्ड मार्शल बनाया गया, जो पाकिस्तान के इतिहास में दूसरी बार हुआ है। इससे पहले यह सम्मान जनरल अय्यूब खान को मिला था, जिन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध का नेतृत्व किया था—और उस युद्ध में भी पाकिस्तान को पराजय झेलनी पड़ी थी।

आसिम मुनीर की बढ़ती ताकत को लेकर पाकिस्तान की राजनीति में गहरी चिंता दिखाई दे रही है। हाल ही में संसद ने एक ऐसा कानून पारित किया, जिसके तहत आसिम मुनीर जीवनभर वर्दी में रह सकते हैं और उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकेगा। इस फैसले को लेकर विपक्ष, विशेष रूप से जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई, ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी का कहना है कि इस तरह के कानून लोकतंत्र, संविधान और जनता की संप्रभुता के खिलाफ हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सीडीएफ जैसे शक्तिशाली पद पर आसिम मुनीर की नियुक्ति के बाद पाकिस्तान में सिविल सरकार की भूमिका और कमजोर हो सकती है, जबकि सेना का प्रभाव और अधिक बढ़ेगा। यह फैसला न केवल देश की राजनीति बल्कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति पर भी दूरगामी असर डाल सकता है।

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