प्रदूषण प्रदर्शन की आड़ में हिडमा का समर्थन! पुलिस ने दो एफआईआर में गंभीर धाराएँ जोड़ दीं
LIVE 7 TV DESK
दिल्ली पुलिस ने इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन में नक्सल कमांडर माडमी हिडमा के समर्थन में लगाए गए नारों को गंभीरता से लेते हुए एफआईआर को और कड़ा कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि दर्ज मामले में अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 197 भी जोड़ दी गई है, जिससे गिरफ्तार आरोपियों की कानूनी चुनौती बढ़ गई है।
इससे पहले सुरक्षा बल आंध्र प्रदेश में इस कुख्यात नक्सली को मुठभेड़ में मार गिरा चुके हैं, जिस पर अनेक निर्दोष लोगों की हत्या का आरोप था।
पांच गिरफ्तार, पुलिस पर मिर्ची स्प्रे का इस्तेमाल
पुलिस ने अदालत में जानकारी दी कि पर्यावरण मुद्दे के नाम पर किए गए इस प्रदर्शन के दौरान पांच आरोपियों ने पुलिसकर्मियों पर मिर्ची स्प्रे चलाया। इसी बीच हिडमा के समर्थन में नारे भी लगे, जिससे प्रदर्शन का मकसद संदेह के घेरे में आ गया।
कर्तव्य पथ थाने की एफआईआर में कई गंभीर धाराएँ
कर्तव्य पथ पुलिस स्टेशन में दर्ज पहली एफआईआर में बीएनएस के तहत कई प्रावधान लगाए गए हैं—
महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने की नीयत से हमला, जानबूझकर चोट पहुंचाना, सरकारी कर्मियों को वैधानिक कार्य से रोकना और कानूनी आदेशों की अवहेलना।
इसी केस में पांच लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है।
दूसरी एफआईआर: 17 प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई
दूसरा मामला पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में दर्ज हुआ है। इसमें 17 प्रदर्शनकारियों पर लोक सेवकों के आदेश की अनदेखी, सरकारी काम में अड़ंगा डालने और अनुचित तरीके से रोकने जैसे आरोप हैं। गिरफ्तार पांचों आरोपियों को अदालत ने दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।
धारा 197: एकता-अखंडता से जुड़ी संवेदनशील धारा
बीएनएस की धारा 197 उन स्थितियों पर लागू होती है, जब कोई व्यक्ति धर्म, भाषा, जाति, क्षेत्र या समुदाय के आधार पर ऐसा कंटेंट फैलाए, जो देश की संप्रभुता, एकता या अखंडता को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस धारा में तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। यदि अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाए तो सजा बढ़कर पांच वर्ष तक हो सकती है।
कब लगती है धारा 197?
• लिखित, मौखिक या डिजिटल माध्यमों से नफरत फैलाने पर
• देश की सुरक्षा या संप्रभुता को खतरे में डालने वाली अफवाहें या भ्रामक सामग्री फैलाने पर
• फ्री स्पीच के दुरुपयोग को रोकने के उद्देश्य से इसका उपयोग किया जाता है

