भारत ने LPG बाज़ार का 10% हिस्सा अमेरिका को दिया: एनर्जी डील से बढ़ेगी सप्लाई, घटेगी सब्सिडी का बोझ

Ravikant Upadhyay

नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा समझौता हुआ है, जिसके तहत भारत अपनी कुल LPG (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) आयात का 10 प्रतिशत अब अमेरिका से खरीदेगा। यह पहली बार है जब भारत ने आधिकारिक तौर पर एक तय हिस्सेदारी अमेरिकी बाज़ार को दी है। यह समझौता सरकारी कंपनियों के बीच हुआ है, किसी निजी कंपनी की भूमिका नहीं है। यह डील साल 2026 से लागू होगी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि भारत दुनिया के सबसे बड़े और तेज़ी से बढ़ते LPG बाज़ारों में से एक है और अब यह बाज़ार अमेरिका के लिए खुल चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि LPG की वैश्विक कीमतें रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद तेजी से बढ़ी हैं, जिसके चलते सरकार को सब्सिडी पर भारी धन खर्च करना पड़ रहा है।

क्यों महत्वपूर्ण है यह समझौता?

अमेरिका वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा LPG निर्यातक है। वहाँ शेल एक्सट्रैक्शन तकनीक के कारण दाम अन्य देशों से 20–30% तक कम हैं। जहाँ अमेरिकी LPG की औसतन अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग $450 प्रति मेट्रिक टन रहती है, वहीं सऊदी अरब और UAE में यह $500–650 प्रति टन तक पहुंच जाती है। वर्तमान में भारत अधिकतर LPG UAE और कतर से खरीदता है। हालाँकि अमेरिका से गैस लाने में दूरी अधिक होने के कारण शिपिंग खर्च बढ़ेगा, लेकिन कम मूल्यों का लाभ इस अतिरिक्त खर्च पर भारी पड़ेगा। इससे सरकार पर सब्सिडी का बोझ कम होगा, जो पिछले वर्ष 400 करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

राजनीतिक और कूटनीतिक अर्थ

यह समझौता ऐसे समय हुआ है जब भारत और अमेरिका एक व्यापक ट्रेड डील का मसौदा अंतिम चरण में है। जानकारी के अनुसार, अमेरिका भारत पर लगने वाले टैरिफ को 50% से घटाकर 12–15% के बीच करने पर विचार कर रहा है, जबकि भारत अमेरिकी कृषि उत्पाद — जैसे सोयाबीन, मक्का (कॉर्न) और संभवतः एथनॉल — आयात करने पर सहमत हो सकता है। अमेरिकी राजनीति के दृष्टि से यह समझौता पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए भी बड़ी ‘डिप्लोमेटिक जीत’ के रूप में देखा जा रहा है, जो पहले भारत की अर्थव्यवस्था और व्यापार नीति की आलोचना कर चुके हैं। अब अमेरिकी प्रशासन इसे अपनी उपलब्धि के रूप में पेश कर सकता है।

साधारण उपभोक्ता को क्या लाभ?

भारत में उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को LPG सिलेंडर ₹550 के आसपास उपलब्ध कराया जा रहा है जबकि असली कीमत ₹1100 से ज़्यादा है। सस्ती LPG मिलने से सरकार सब्सिडी को बेहतर तरह से नियंत्रित कर पाएगी, और आगे चलकर महंगाई पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा। यह डील सिर्फ ऊर्जा व्यापार नहीं, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई दिशा का संकेत है। अब दुनिया की सबसे बड़ी लोकतंत्र और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के बीच रणनीतिक व्यापारिक साझेदारी बढ़ रही है। आने वाले महीनों में यह देखना होगा कि क्या इससे व्यापक इंडिया-US ट्रेड डील भी साकार होती है।

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