अहमदाबाद, 05 अगस्त (लाइव 7) गुजराती सावन महीने के पहले सोमवार के अवसर पर राज्यभर के सभी शिवालयों में लुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
राज्य के गिर सोमनाथ जिले के प्रभास पाटन में समुद्र के किनारे स्थित सोमनाथ मंदिर में श्रावण के पहले सोमवार पर आज पूजा और उल्लास के माहौल के बीच हरहर महादेव, जय सोमनाथ के जयघोष से प्रभास तीर्थ गूंज उठा। श्री सोमनाथ ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी जे.डी परमार ने सबसे पहले ध्वजा पूजा, पालखी पूजा करके श्रावण उत्सव की शुरुआत की। उसके बाद मंदिर परिसर में सोमनाथ महादेव की प्रतिकृति के रूप में पालकी यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों लु शामिल हुए। श्री सोमनाथ महादेव की ध्वजा पूजा ने अब तक के सभी रिकॉर्ड पार कर 68 ध्वजा पूजाएं दर्ज की गईं। शाम छह बजे तक 50 हजार से अधिक लुओं ने सोमनाथ महादेव के दर्शन किये। इस अवसर पर भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से इस प्रथम शिविलंग सोमनाथ महादेव का जनकल्याण की प्रार्थना के साथ बिल्वपत्र से मनोहारी शृंगार किया गया।
सोमनाथ महादेव का बिल्वपत्र (बेलपत्र) से श्रृंगार करने की प्रथा बहुत प्राचीन और पवित्र मानी जाती है। कहा जाता है कि बिल्वपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। उन्हें बिलिपत्र चढ़ाने से भक्त तीन जन्मों के पाप से मुक्त हो जाते हैं। बिल्वपत्र को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है। इसके तीन पत्ते ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिल्वपत्र में शांतिदायक और शुद्ध करने वाले गुण होते हैं। इसके दर्शन और स्पर्श से मन शांत होता है और आध्यात्मिक उन्नति होती है। शृंगार में बिल्वपत्र, चंदन, भस्म और पुष्पों का प्रयोग किया गया। मंदिर के पुजारियों की तीन घंटे की मशक्कत के बाद सोमनाथ महादेव का यह विशेष श्रृंगार किया गया।
अहमदाबाद में भी सभी शिवालयों में भक्तों ने जलाभिषेक और पूजन किया। जिसमें नाराणपुरा के कामेश्वर महादेव मंदिर, घाटलोडिया के नीलकंठ मंदिर और साबरमती ओएनजीसी के ओमकारेश्वर मंदिर समेत अन्य मंदिरों में बडी संख्या में भक्त उमड पडे। चांदखेड़ा में जनतानगर स्थित श्री नीलकंठ महादेव मंदिर से भगवान महाकालजी की पालखी यात्रा का आयोजन श्री पार्श्वनाथनगर देव मंदिर ट्रस्ट की ओर से किया गया।
राज्य के कच्छ, राजकोट, सूरत, जामनगर, पाटन, वडोदरा समेत सभी स्थानों पर शिवालयों में भी आज भारी भीड देखी गयी। सुबह चार बजे से ही शिव मंदिरों में भारी संख्या में लुओं लंबी लाइन लग गयी। लुओं ने भगवान महादेव का बेलपत्र, धतूर, भांग, धूप, दूध, दहीं, गंगाजल तथा जल से पूजा अर्चना की। राज्य की पुलिस ने भी इस अवसर पर लुओं की सुरक्षा के लिए कड़े प्रबंध किए हैं।
अनिल.
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