नयी दिल्ली 19 जनवरी (लाइव 7) केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बहुत कम समय में न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विश्वसनीयता बनायी है तथा आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत को वैश्विक पहचान दी है।
श्री शाह ने रविवार को आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बल के 20वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के दक्षिणी परिसर, बल की 10वीं वाहिनी तथा क्षेत्रीय कार्रवाई केन्द्र के सुपौल परिसर सहित लगभग 220 करोड़ रूपए लागत की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास भी किया। गृह मंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में नई ‘इंटीग्रेटेड शूटिंग रेंज’ का शिलान्यास और तिरूपति में राज्य सरकार की क्षेत्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भवन का भी उद्घाटन किया।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि प्राकृतिक आपदा के समय यह बल सबसे पहले आगे आकर काम करता है । उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर तीन गुना अधिक गति से आंध्र प्रदेश का विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले छह माह में तीन लाख करोड़ से अधिक का निवेश और मदद आंध्र प्रदेश के लिए भेजे हैं। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने विशाखापत्तनम के स्टील प्लांट के लिए 11 हज़ार करोड़ रूपए की मदद को स्वीकृति दी है। इस निर्णय से आंध्र प्रदेश के गौरव माने जाने वाले विशाखापत्तनम स्टील प्लांट का लंबे समय तक चलना सुनिश्चित हो गया है। गृह मंत्री ने कहा कि अमरावती राजधानी की कल्पना मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने की थी और प्रधानमंत्री ने इसका भूमिपूजन किया था, लेकिन पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान इस पूरे प्रोजेक्ट को एक प्रकार से दरकिनार कर दिया गया था।
श्री शाह ने ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के तहत महत्वपूर्ण गतिविधियों को आगे बढ़ाने का काम हुआ है। उन्होंने कहा कि ग् पंचायत, पुलिस स्टेशन, एनसीसी और स्काउट्स के कैडेट्स से लेकर सरकार तक हर जगह कोऑर्डिनेशन से काम होता है, तभी बाधारहित आपदा प्रबंधन ज़मीन पर उतरता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में दृष्टिकोण, तरीका और उद्देश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पहले राहत-केन्द्रित दृष्टिकोण होता था, अब बचाव-केन्द्रित आपदा प्रबंधन को लेकर यह 360 डिग्री बदलाव 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आया है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान ज़ीरो कैजुअल्टी के लक्ष्य को प्राप्त करने में बल, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और संस्थान तीनों ने बहुत सामंजस्य से काम किया है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बल ने एक संस्था के तौर पर बहुत कम समय में न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में अपनी विश्वसनीयता बनाने का काम किया है। उन्होंने कहा , “ आपदा के दौरान जब बल के जवान आते हैं, तो लोगों को भरोसा हो जाता है कि वे अब सुरक्षित हैं। विगत दो साल में दो तूफान ऐसे आए, जिनमें हमने ज़ीरो कैज़ुअल्टी का लक्ष्य प्राप्त किया।” श्री शाह ने कहा कि नेपाल, इंडोनेशिया, तुर्की, म्यांमार, विएतनाम सहित कई अन्य देशों में जब बल की टीमें गईं, तो वहां की जनता की मदद करने में इनकी भूमिका की प्रशंसा वहां के राष्ट्राध्यक्षों ने भी की। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की नीतियों को बल ने ज़मीन पर उतारा है और इसके कारण आपदा प्रबंधन के मामले में भारत की वैश्विक पहचान बनी है।
श्री शाह ने कहा कि 12वें वित्त आयोग में आपदा प्रबंधन के लिए 12500 करोड़ रूपए रखे गए थे, जिसे 14वें वित्त आयोग में बढ़ाकर 61,000 करोड़ रूपए कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कई ऐप, वेबसाइट्स और पोर्टल बनाकर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जनजागृति का काम किया है। देश के लाखों-करोड़ों लोगों ने इन सभी ऐप के साथ खुद को जोड़ा है और अब इन को सभी भाषाओं में संवाद करने योग्य बनाने के प्रयास हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘डायल 112’ और ‘कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल’ से लोगों की बहुत मदद हुई है। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में आज दो और संस्थान जुड़ने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री नायडू ने केन्द्र सरकार को बिना किसी लागत के यहां भूमि देकर दसवीं वाहिनी और संस्थान की दक्षिण भारत शाखा को स्थापित करने में मदद की है।
इस अवसर पर श्री नायडू, केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री बंडी कुमार, गृह सचिव गोविंद मोहन और बल के महानिदेशक पीयूष आनंद सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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एनडीआरएफ ने बहुत कम समय में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में भारत की वैश्विक पहचान बनायी: शाह
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