बेंगलुरु 18 जनवरी (लाइव 7) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कुर्की का बचाव किया है। इस मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया भी शामिल हैं।
श्री चौहान ने जोर देकर कहा, “कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम करती हैं और वे अपना काम कर रही हैं।”
उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘मुफ्त चीजें’ बांटने की आलोचना का जवाब देते हुए जन कल्याण और वोट-प्रेरित प्रोत्साहन के बीच स्पष्ट अंतर बताया। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने गरीबों को मुफ्त राशन देने का फैसला किया क्योंकि यह जरूरी था। आप जनता की जरूरतों को मुफ्त की श्रेणी में नहीं रख सकते। केवल वोट पाने के लिए चीजें बांटना मुफ्त होता है।”
उन्होंने कल्याणकारी पहलों पर कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत चार लाख से अधिक घर आवंटित किए गए हैं। इसके तहत इस वित्त वर्ष में कर्नाटक को लगभग 7.5 लाख घर आवंटित किए गए हैं।
श्री चौहान ने कर्नाटक के आरडीपीआर और कृषि मंत्रियों प्रियांक खरगे और कृष्ण बायरेगौड़ा के साथ अपनी बैठक के बाद उल्लेख किया कि राज्य ने किसानों के लिए मशीनीकरण योजनाओं के लिए अतिरिक्त धन का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे पहले ही जारी की गई धनराशि का उपयोग करने के लिए कहा है और हम अतिरिक्त धनराशि जारी करने के लिए काम करेंगे।”
उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए) योजना के तहत अधिक कर्मचारियों के लिए राज्य के अनुरोध की भी पुष्टि की और आश्वासन दिया कि राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करने का हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने चल रही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के जवाब में वाटरशेड विकास के लिए 97 करोड़ रुपये जारी करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पहले आवंटित धन का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया था।
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शिवराज ने एमयूडीए घोटाले में ईडी का बचाव किया
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