शाह ने नवगठित 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का किया शुभारंभ

Live 7 Desk

नयी दिल्ली 25 दिसंबर (लाइव 7) केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम के जरिए देशभर में नवगठित 10,000 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (एम-पैक्स), डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों का शुभारंभ किया।
श्री शाह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के मंत्र को चरितार्थ करने के लिए पैक्स की पहुँच हर गांव तक सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार व्यावहारिकता, सार्थकता, जीवंतता के सिद्धांतों साथ प्राथमिक सहकारी समितियों का विस्तार कर रही है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि 05 साल में 02 लाख नए पैक्स बनाने का लक्ष्य समय से पहले पूरा किया गया है।इस अवसर पर केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी एवं पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल और श्री मुरलीधर मोहोल और सहकारिता मंत्रालय के सचिव सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
श्री शाह ने कहा कि कंप्यूटरीकरण से प्राथमिक समितियां के कामकाज की की पारदर्शिता बढ़ी है, जिससे सहकारिता का विस्तार हो रहा है और महिलाओं व युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दो लाख बनने के बाद, फॉरवर्ड-बैकवर्ड लिंकेज के माध्यम से किसानों की उपज को विश्व के बाजारों तक पहुँचाना सरल हो जाएगा। मोदी सरकार हर प्राथमिक डेयरी व किसानों को माइक्रो एटीएम व रुपे किसान क्रेडिट कार्ड (के सीसी) देकर बहुत कम खर्च पर ब्रिज फाइनेंस देने का काम करेगी।
उन्होंने बताया कि तीन नई राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं से जुड़ पैक्स अब ऑर्गेनिक उत्पाद, बीज उत्पादन और निर्यात में सक्रिय होंगे, जिससे किसानों की समृद्धि सुनिश्चित होगी और सामाजिक-आर्थिक समानता का मार्ग प्रशस्त होगा।
श्री शाह ने अपने संबोधन की शुरुआत श्री शाह ने 02 महापुरुषों – पंडित मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जन्मजयंती के अवसर पर उन्हें  ंजलि देकर की।
उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की, तो उन्होंने ‘सहकार से समृद्धि’ का ध्रुव वाक्य दिया था। श्री शाह ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ तभी संभव है जब हर पंचायत में सहकारिता उपस्थिति हो और वहां किसी न किसी रूप में काम करे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के त्रिस्तरीय सहकारिता ढांचे को सबसे ज़्यादा ताकत प्राथमिक सहकारी समिति ही दे सकती है, इसीलिए मोदी सरकार ने 2 लाख नए पैक्स बनाने का निर्णय किया था।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि नाबार्ड, एनडीडीबी (राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड) और एन एफडीबी (राष्ट्रीय मत्स्यपालन विकास बोर्ड) ने इन 10 हज़ार प्राथमिक सहकारी समितियों के पंजीकरण में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
 , संतोष
लाइव 7

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